बिहारी मजदूरों पर हमले की झूठी खबर फैलाने का मामला , सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेता को माफी मांगने को कहा
Brij Nandan
6 April 2023 3:27 PM IST
तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों पर हमले की झूठी खबर फैलने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई। कोर्ट ने यूपी भाजपा प्रवक्ता प्रशांत उमराव पटेल को माफी मांगने को कहा। कोर्ट ने कहा कि उमराव एक वकील हैं। उन्हें अधिक जिम्मेदार होना चाहिए।
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस पंकज मिथल की बेंच प्रशांत उमराव की दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। पहली याचिका- ट्वीटर पर फेक न्यूज फैलाने को लेकर कई पुलिस थाने में उनके खिलाफ दर्ज FIR को एक साथ जोड़ने से संबंधित थी। और दूसरी याचिका- उन्हें अग्रिम जमानत देते समय मद्रास हाईकोर्ट की तरफ से लगाई गई शर्तों के खिलाफ दायर की गई थी।
कोर्ट ने कई पुलिस थाने में दर्ज FIR को जोड़ने की याचिका पर नोटिस जारी किया। साथ ही मद्रास हाईकोर्ट के आदेश में बदलाव किया। और उन्हें 10 अप्रैल को तमिलनाडु पुलिस थाने में पेश होने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की उस शर्त में बदलाव किया है जिसके तहत उसे 15 दिनों तक रोजाना सुबह 10.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करना था।
पटेल की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा ने कोर्ट को बताया कि आरोपी ने केवल उन खबरों को ट्वीट किया था जिन्हें पहले ही कई मीडिया एजेंसियों की ओर शेयर किया जा चुका था। पटेल ने डिलिट कर दिया है। फिर भी उनके खिलाफ FIR दर्ज किए जा रहे हैं, उन्हें परेशान किया जा रहा है।
राज्य पुलिस की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी पेश हुए। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने जो शर्त लगाया है उसमें कुछ भी गलत नहीं है।
आगे कहा, ये शर्त केवल पूछताछ के लिए लगाया गया है। पटेल न तो पुलिस के सामने पेश हुए और न ही ये कहते हुए कोई हलफनामा दिया कि वो दोबारा ऐसा कोई भी ट्वीट पोस्ट करने से परहेज करेंगे जो लोगों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देता है। ट्वीट गैर-जिम्मेदाराना था।
एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने ये भी तर्क दिया कि पटेल एक वकील हैं। और अपने ट्वीट में कहते हैं कि तमिलनाडु में हिंदी भाषी लोगों पर हमले हो रहे हैं। एक वकील को ऐसा कभी नहीं कहना चाहिए।"
बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी। जस्टिस गवई ने कहा- पटेल को जिम्मेदार होना चाहिए। साथ ही अगली ताऱीख से पहले मांफी मांगने को कहा।
पिछले दिनों तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों पर कथित हमलों से जुड़े कई फेक मैसेजस सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। इसी दौरान 23 फरवरी को पटेल ने एक ट्वीट किया था। ट्वीट में दावा किया गया था कि 15 प्रवासी मजदूरों को हिंदी बोलने की वजह से पीटा गया, जिनमें से 12 की मौत हो गई।