Begin typing your search above and press return to search.
ताजा खबरें

महिला पक्ष के वंशज को मुतवल्ली के उत्तराधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता : सुप्रीम कोर्ट

LiveLaw News Network
30 Sep 2019 4:44 AM GMT
महिला पक्ष के वंशज को मुतवल्ली के उत्तराधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता : सुप्रीम कोर्ट
x
“वक्फ बैनामे के जरिये वकीफ की अभिव्यक्त इच्छा या एक परिपाटी स्थापित किया जाना सर्वाधिक महत्वपूर्ण होता है।"

सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि वकीफ के महिला पक्ष के वंशज (कॉग्नेट हेयर्स) को मुतवल्ली का उत्तराधिकार हासिल करने पर कोई कानूनी रोक नहीं है। न्यायमूर्ति एन वी रमन, न्यायमूर्ति मोहन एम. शांतनगोदौर और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने दोहराया है कि मुतवल्ली के उत्तराधिकार का दावा साबित करने के लिए वक्फ बैनामे के जरिये वकीफ की अभिव्यक्त इच्छा या एक स्थापित स्थापित किया जाना सर्वाधिक महत्वपूर्ण होता है।

गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने इस मामले ('मो. अबरार बनाम मेघालय वक्फ बोर्ड') में वक्फ न्यायाधिकरण के उस आदेश पर मोहर लगायी थी, जिसमें कहा गया था चूंकि मुतवल्ली की अर्जी देने वाला महिला पक्ष का वंशज था, इसलिए उसे प्रत्यक्ष वंशज नहीं माना जा सकता और इसलिए वह मुतवल्ली के तौर पर नियुक्ति के योग्य नहीं है।

पीठ ने इस मामले में मोहम्मडन लॉ (मुल्ला) के सिद्धांतों और कुछ हाईकोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए कहा,

"कानून के तौर पर ऐसा नहीं कहा जा सकता कि वकीफ के कॉग्नेट हेयर्स (वंश की महिला पक्ष से उत्पन्न उत्तराधिकारी) को मुतवल्ली प्राप्त करने का हक नहीं है। 'मोहम्मडन लॉ के मुल्ला सिद्धांत' के पृष्ठ संख्या 90 पर और फाइजीज आउटलाइन्स ऑफ मुहम्म्डन लॉ (पांचवा संस्करण, 2008, प्रो. ताहिर महमूद सम्पादक, पृष्ठ 339) में वर्णित है कि बेटी के बच्चे एवं उनकी संतति को भी मुस्लिम कानून के तहत मृतक के वंशज में शामिल किया गया है, यद्यपि ये पुरुष पक्ष से उत्पन्न वंशज (एग्नेट हेयर्स) की तुलना में ज्यादा दूर के वारिस समझे जाते हैं। हमने संयुक्त मुतवल्ली के उत्तराधिकार के मसले पर पूर्व में विचार के दौरान पाया है कि यह वक्फ बैनामे की व्याख्या भी है, जो प्रत्येक मामले में अनुकूल है।"

वक्फ बैनामे पर विचार करते हुए बेंच ने कहा कि इस मामले में यह स्पष्ट है कि वकीफ ने न केवल अपने बेटे के सीधे वंशज को, बल्कि महिला पक्ष के वंशज को भी शामिल किया है। इसके तहत कम्मू मियां की बेटी की संतति को भी 'फैमिली लाइन' के तौर पर शामिल किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस तथ्य को नकार दिया कि वकीफ की इच्छा थी कि कम्मू मियां के वंशज को मुतवल्ली का अधिकार तभी हस्तांतरित किया जा सकता है जब वकीफ के प्रत्यक्ष वंशज मौजूद न हों। कोर्ट ने अपील स्वीकार करते हुए कहा कि वक्फ बैनामे में ऐसी कोई शर्त नहीं रखी गयी थी।


Next Story