सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच पर जो बात कही, नफरत फैलाने वालों को कड़वी लगेगी
Brij Nandan
30 March 2023 11:29 AM IST
नफरती बयानों यानी हेट स्पीच को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है। जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा कि हर रोज टीवी और सार्वजनिक मंचों पर नफरत फैलाने वाले बयान दिए जा रहे हैं। क्या ऐसे लोग खुद पर कंट्रोल नहीं रख सकते?
कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी के भाषणों का भी जिक्र किया और कहा कि उनके भाषणों को सुनने के लिए दूर-दराज के इलाकों से लोग इकट्ठा होते थे। गो टू पाकिस्तान जैसे बयानों से नियमित रूप से गरिमा को तोड़ा जाता है। अब हम कहां पहुंच गए हैं?
अदालत ने कहा कि जिस वक्त राजनीति और धर्म अलग हो जाएंगे और नेता राजनीति में धर्म का उपयोग बंद कर देंगे, ऐसे भाषण समाप्त हो जाएंगे। हम अपने हालिया फैसलों में भी कह चुके हैं कि पॉलिटिक्स को राजनीति के साथ मिलाना लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।'
जस्टिस के. एम. जोसेफ और जस्टिस बी. वी. नागरत्ना की बेंच ने हेट स्पीच को लेकर आपत्ति जताई और कहा कि हर दिन कुछ लोग टीवी और सार्वजनिक मंचों पर दूसरों को बदनाम करने के लिए भाषण दे रहे हैं। इस पर रोक लगनी चाहिए। अदालतें कितने लोगों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू कर सकती है।
जस्टिस केएम जोसेफ ने मामले में महाराष्ट्र राज्य सरकार के रवैये को लेकर कहा, 'राज्य नपुंसक हैं। वे समय पर काम नहीं करते। जब राज्य ऐसे मसलों पर चुप्पी साध लेंगे तो फिर उनके होने का मतलब क्या है?'
बेंच एक अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही थी। शाहीन अब्दुल्ला ने हेट स्पीच पर रोक लगाने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद हेट स्पीच पर रोक नहीं लगी है। हिंदू संगठन अभी भी हेट स्पीच दे रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार विफल रही है। महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से इस पर जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी।