शाह फैसल की हैबियस कॉरपस याचिका सुनवाई योग्य नहीं, जम्मू- कश्मीर सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल किया हलफनामा

LiveLaw News Network

27 Aug 2019 3:12 PM GMT

  • शाह फैसल की हैबियस कॉरपस याचिका सुनवाई योग्य नहीं, जम्मू- कश्मीर सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल किया हलफनामा

    पूर्व आईएस अधिकारी और जम्मू-कश्मीर के नेता शाह फैसल की हैबियस कॉरपस याचिका पर जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा गया है कि शाह फैसल की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।

    इसमें कहा गया है कि शाह फैसल ने पर्यटक वीजा लिया था और उनके पास छात्र वीजा नहीं था, जैसा कि दावा किया गया है कि वे हार्वर्ड जा रहे थे। दिल्ली से तुर्की, वहां से फ्रैंकफर्ट और वहां से बोस्टन तक के टिकट के अलावा उन्होंने अदालत को संतुष्ट करने के लिए कुछ भी नहीं दिखाया है कि वो शैक्षणिक उद्देश्य से यात्रा कर रहे थे। सरकार ने कहा है कि उनके पासपोर्ट पर बी 1 / बी 2 वीज़ा लगा है और ये अमेरिका में पढ़ने का अधिकार नहीं देता।

    सरकार का दावा, शाह फैसल को हिरासत में नहीं रखा

    सरकार ने दावा किया है कि ये कथन भी गलत है कि उनको हिरासत केंद्र में रखा गया है। याचिकाकर्ता को होटल सेंटूर में रखा गया है जो श्रीनगर का एक पॉश होटल है और उनकी पत्नी ने उनसे होटल में मुलाकात भी की है।

    इसमें आगे कहा गया है कि श्रीनगर पहुंचने पर उन्होंने टर्मिनल पर लोगों की सभा को संबोधित करना शुरू किया, जिससे शांति भंग होने की संभावना हुई। उन्होंने देश की अखंडता के खिलाफ लोगों को उकसाना शुरू कर दिया।

    फैसल ने बांड भरने से किया था इंकार

    एयरपोर्ट अथॉरिटी और पुलिस द्वारा उक्त कार्रवाई देखी गई और चेतावनी दिए जाने के बाद भी उन्होंने गतिविधियों को जारी रखा जिससे माहौल अनियंत्रित हो गया। हलफ़नामे में ये भी कहा गया है कि फैसल को शांति बनाए रखने के लिए मजिस्ट्रेट ने 50 हज़ार रुपए का बांड / सिक्योरिटी देने को कहा था, लेकिन फैसल ने इससे इनकार कर दिया। मजिस्ट्रेट ने उनको हिरासत में रखने का आदेश देकर 24 अगस्त को मामला सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया था। इसे फैसल ने संबंधित फोरम पर चुनौती नहीं दी।

    इसके साथ ही केंद्र सरकार की ओर से हलफनामा दाखिल कर बताया गया कि कि 14 अगस्त को उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट पर रोका गया क्योंकि IB ने उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया था।

    दरअसल इस याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट तीन सितंबर को सुनवाई करेगा। फैसल ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि 14 अगस्त को दिल्ली एयरपोर्ट पर उन्हें गैरकानूनी तरीके से हिरासत में लिया गया और श्रीनगर ले जाकर नजरबंद कर दिया गया।

    23 अगस्त को जस्टिस मनमोहन और जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने सरकार को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। पीठ ने कहा था कि फैसल की पत्नी, बेटा और अभिभावक उनसे मिल सकते हैं लेकिन सभी एक साथ नहीं मिलेंगे।

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