सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाने की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाएं संविधान पीठ को भेजी

LiveLaw News Network

28 Aug 2019 8:20 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाने की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाएं संविधान पीठ को भेजी

    सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति हटाने और केंद्रशासित प्रदेश बनाने के लिए संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाने की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को 5 जजों की संविधान पीठ को भेज दिया है।

    अक्टूबर के पहले सप्ताह में होगी सुनवाई

    मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस. ए. बोबडे और न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नज़ीर की पीठ ने कहा कि मामलों की सुनवाई अक्टूबर के पहले सप्ताह में होगी।

    अनुराधा भसीन की याचिका पर सरकार को नोटिस

    कोर्ट ने कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन द्वारा क्षेत्र में लगाए गए मीडिया पर प्रतिबंध को चुनौती देने के लिए दायर याचिका पर भी नोटिस जारी किया है और सरकार को 7 दिनों में जवाब दाखिल करने को कहा है। पीठ इस मुद्दे से संबंधित 14 याचिकाओं पर विचार कर रही थी।

    याचिकाओं का विवरण इस प्रकार है:-

    अनुच्छेद 370 और जम्मू और कश्मीर के विभाजन को चुनौती

    अनुच्छेद 370 के तहत जारी किए गए राष्ट्रपति आदेश, जिसके तहत जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति को छीन लिया गया है और जम्मू-कश्मीर (द्विभाजन) अधिनियम 2019, जिसके अंतर्गत राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया है, को चुनौती देते हुए निम्नलिखित याचिकाएं दायर की गईं हैं :

    * नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं, मोहम्मद अकबर लोन और हसनैन मसूदी (जो जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश हैं) की याचिका।

    * पूर्व आईएएस अधिकारी और जम्मू-कश्मीर के राजनेता शाह फैसल और एक्टिविस्ट शहला राशिद की याचिका।

    * 5 अगस्त को जारी राष्ट्रपति आदेश (C.O 272) को चुनौती देने वाली कश्मीरी वकील शाकिर शबीर की याचिका।

    * वकील एम. एल. शर्मा की याचिका जो 5 अगस्त के आदेश के अगले दिन दायर की गई। ग़ौरतलब है कि जब 14 अगस्त को ये मामला अदालत के सामने आया था तो CJI के नेतृत्व वाली पीठ ने शर्मा को 'बेकार याचिका' दायर करने के लिए फटकार लगाई थी।

    राज्य में कर्फ्यू के खिलाफ चुनौती

    निम्नलिखित याचिकाओं में राज्य में लगाए गए कर्फ्यू और प्रतिबंधों को चुनौती दी गई हैं :

    * कानून स्नातक मोहम्मद अलीम की याचिका में राज्य में सूचना पर प्रतिबंध के आदेश को चुनौती दी गई है और अनंतनाग जिले में अपने माता-पिता के बारे में जानकारी प्राप्त करने की मांग की गई है।

    * कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन की याचिका में क्षेत्र में लगाए गए मीडिया पर लगे प्रतिबंधों को चुनौती दी गई है।

    * कश्मीर में राजनीतिक नेताओं को हिरासत में रखने के खिलाफ कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला की याचिका।

    बंदी प्रत्यक्षीकरण यानी हैबियस कॉरपस याचिका

    सीपीआई (एम) नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी की नजरबंदी को चुनौती देते हुए पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने यह कहते हुए अदालत में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है कि 72 वर्षीय नेता का स्वास्थ्य ठीक नहीं है।

    पीठ ने येचुरी को तारिगामी से मिलने के लिए कश्मीर की यात्रा करने की अनुमति दे दी है। कानून स्नातक सैयद को भी अपने माता-पिता से मिलने के लिए अनंतनाग की यात्रा करने की अनुमति दी गई थी। हालांकि CJI के नेतृत्व वाली पीठ ने यह कहा कि इस यात्रा का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

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