आईसीएसई की नौवीं एवं 11वीं के असफल छात्रों को पुनर्मूल्यांकन/ प्रोमोशन का एक मौका दिये जाने संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
LiveLaw News Network
18 Aug 2020 9:22 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने इस वर्ष नौवीं और 11वीं कक्षाओं में असफल रहे छात्रों को पुनर्मूल्यांकन/ प्रोमोशन का एक मौका उपलब्ध कराने का इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एक्जामिनेशन (आईसीएसई) बोर्ड को निर्देश देने संबंधी याचिका पर नोटिस जारी किया है।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की और आईसीएसई बोर्ड की ओर से पेश हो रहे वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार से जवाब तलब किया।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा नौवीं और ग्यारहवीं के विद्यार्थियों को इसी तरह की राहत दिये जाने के परिप्रेक्ष्य में एक नाबालिग छात्र की ओर से अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने याचिका दायर की है। खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान श्री श्रीवास्तव ने ही बहस भी की।
याचिकाकर्ता ने कहा है,
"प्रतिवादी (आईसीएसई) भी केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से 13 मई 2020 को जारी अधिसूचना संख्या 'सीबीएसई/ सीई/ 2020' को अमल करने और अपनाने तथा नौवीं एवं ग्यारहवीं में इस साल असफल रहे विद्यार्थियों को पुनर्मूल्यांकन का एक मौका देने के लिए बाध्य है।"
सीबीएसई ने अभूतपूर्व COVID-19 संकट के मद्देनजर गत 13 मई को एक अधिसूचना जारी करके नौवीं और 11वीं में असफल रहे विद्यार्थियों को एक मौका देने का निर्णय लिया था और स्कूल में ही होने वाली परीक्षा में शामिल होने की इजाजत दी थी।
इस याचिका में कहा गया है कि उपरोक्त अधिसूचना को स्वीकार न करके आईसीएसई बोर्ड ने याचिकाकर्ता और उसी के जैसे अन्य विद्यार्थियों को संविधान के अनुच्छेद 14 में प्रदत्त समानता के बहुमूल्य अधिकार से 'वंचित' किया है।
याचिका में आगे कहा गया है कि विद्यार्थियों के तनाव और अंदर की बेचैनी से निपटने और संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत स्वास्थ्य एवं जीवन के अधिकार की रक्षा के लिए यह राहत आवश्यक है।