शारदा चिट फंड : सुप्रीम कोर्ट ने IPS राजीव कुमार को नोटिस जारी किया, CBI को कहा कोर्ट को संतुष्ट करना होगा
LiveLaw News Network
29 Nov 2019 12:40 PM IST
शारदा चिट फंड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को सीबीआई की याचिका पर जमानत याचिका पर नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
हालांकि शुक्रवार को सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अगुवाई वाली तीन जजों की पीठ ने सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि नोटिस तो जारी कर रहे हैं लेकिन सीबीआई को कोर्ट को संतुष्ट करना होगा कि वास्तव में राजीव कुमार की हिरासत में पूछताछ जरूरी है।
पीठ ने कहा,
" वो एक हाई रैंक पुलिस अफसर हैं। आपको बताना पडे़गा कि हिरासत में पूछताछ क्यों जरूरी है। आरोप है कि वो गायब रहे। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि एजेंसी के पास सबूत हैं कि उन्होंने सबूतों से छेड़छाड़ की।"
सीबीआई ने अग्रिम जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
दरअसल सीबीआई ने कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की अग्रिम जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है राजीव कुमार को शारदा चिट फंड घोटाले के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत दी है।
राजीव कुमार की अग्रिम जमानत को सीबीआई ने इस आधार पर चुनौती दी है कि उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया और टाल-मटोल करते रहे। उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और जांच पूरी करने के लिए उनको हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी है। पहले राजीव कुमार ने कलकत्ता हाईकोर्ट में सीबीआई की गिरफ्तारी से संरक्षण के लिए अपील की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
हालांकि, निचली अदालत से भी राजीव कुमार की याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट में दोबारा अपील की। हाईकोर्ट ने उन्हें बड़ी राहत देते हुए 50,000 के निजी मुचलके पर उन्हें अग्रिम जमानत दे दी थी। जमानत देते हुए कोर्ट ने राजीव कुमार को जांच में सहयोग करने का निर्देश भी दिया था।
सीबीआई के मुताबिक राजीव कुमार सबूतों से छेड़छाड़ में शामिल रहे हैं, साथ ही शारदा और रोज वैली चिट फंड घोटालों में कुछ नेताओं को जांच से बचाने का उन पर आरोप है। सीबीआई का दावा है कि राजीव कुमार नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (SIT) ने चिट फंड घोटाले की जांच की थी। राजीव कुमार पर सबूतों को नष्ट करने और आरोपियों को बचाने का आरोप है।
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि वह राजीव कुमार को हिरासत में लेकर जांच करना चाहती है क्योंकि प्रथमदृष्टया उनके खिलाफ सबूत हैं कि उन्होंने सबूतों को नष्ट करने और आरोपियों को बचाने की कोशिश की। राजीव कुमार घोटाले की जांच करने वाली एसआईटी के प्रमुख थे और यह एसआईटी ममता बनर्जी ने 2013 और 2014 में गठित की थी।