हर्बल या बिना तंबाकू का हुक्का परोसने वालों के खिलाफ नहीं की जा सकती कोई कार्रवाई- बॉम्बे हाईकोर्ट

LiveLaw News Network

4 Sep 2019 10:37 AM GMT

  • हर्बल या बिना तंबाकू का हुक्का परोसने वालों के खिलाफ नहीं की जा सकती कोई कार्रवाई- बॉम्बे हाईकोर्ट

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने साफ किया है कि सभी लाइसेंसधारी रेस्टोरेंट हर्बल या तंबाकू मुक्त हुक्का परोस सकते हैं और पुलिस इनके खिलाफ कोई कार्रवाई न करे।

    जस्टिस रंजीत मोर और जस्टिस एन.जे जमादार की दो सदस्यीय पीठ विभिन्न रेस्टोरेंट के मालिकों की तरफ से दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में उन्होंने कहा था कि वे अपने रेस्टोरेंट में हर्बल हुक्का अपने ग्राहकों को परोसने की कोशिश कर रहे हैं, परंतु पुलिस अधिकारी उनको ऐसा करने पर परेशान करते हैं।

    याचिकाओं में कहा गया है कि जुलाई माह में हाईकोर्ट ने शीशा स्काईलॉज के मालिक अली अब्दी को उनके सभी आउटलेट पर हर्बल हुक्का परोसने की अनुमति दे दी थी। इसी आदेश के बाद से अन्य रेस्टोरेंट मालिक भी अपने रेस्टोरेंट में हर्बल हुक्का परोसने की कोशिश कर रहे हैं।

    कोर्ट के समक्ष दायर याचिका में अब्दी ने दलील दी थी कि सिगरेट व अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (सीओटीपीए) के प्रावधान तंबाकू मुक्त या हर्बल हुक्का परोसने पर लागू नहीं होते। जस्टिस रंजीत मोर की अध्यक्षता वाली एक अन्य पीठ ने उस याचिका को स्वीकार कर लिया था।

    वकील एस.पी जोशी, अमोघ सिंह, डी.पी सिंह,शुभ्रो डे और अजिंक्य उदाने उडने याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुए थे। इनकी तरफ से दलील दी गई कि पुलिस उनको हर्बल हुक्का परोसने से रोक रही है। पुलिस का कहना है कि इस संबंध में अनुमति सिर्फ एक रेस्टोरेंट को मिली है, सभी को नहीं।

    कोर्ट ने कहा कि-

    "जब याचिकाकर्ता सीओटीपीए के प्रावधानों का पालन कर रहे हैं और अपने हुक्का पार्लर में कोई प्रतिबंधित पदार्थ नहीं परोस रहे हैं, ऐसे में उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है। हालांकि यह भी साफ कर दिया है कि अगर याचिकाकर्ता किसी ऐसे पदार्थ को बेचते या प्रयोग करते पाए जाए, जो सीओटीपीए के तहत प्रतिबंधित है तो निश्चित तौर पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।"

    वर्ष 2018 में सीओटीपीए में हुए संशोधन के अनुसार अगर किसी भी मामले में प्रावधानों के उल्लंघन का मामला पाया जाए तो सहायक पुलिस निरीक्षक रैंक का पुलिस अधिकारी ही सीओटीपीए की शर्तो के उल्लंघन के मामले में कानूनी कार्रवाई करने के लिए अधिकृत होगा। इसी तरह इसी रैंक का अधिकारी उन हुक्का पार्लर पर कार्रवाई कर सकेगा,जहां पर मादक पदार्थ या नशीले पदार्थ दिए जाते हैं या उनका सेवन किया जाता है और वह पुलिस विभाग के दायरे में आते हैंं।''



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