जस्टिस पटनायक ने मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ "बड़ी साजिश" की जांच पूरी की, सितंबर मध्य तक रिपोर्ट आने की संभावना

LiveLaw News Network

22 Aug 2019 10:44 AM IST

  • जस्टिस पटनायक ने मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ बड़ी साजिश की जांच पूरी की, सितंबर मध्य तक  रिपोर्ट आने की संभावना

    भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को फंसाने के लिए "बड़ी साजिश" के आरोपों की जांच कर रहे सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पैनल ने अपना काम पूरा कर लिया है और सितंबर के मध्य तक इसकी रिपोर्ट सौंपने की संभावना है।

    सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए के पटनायक ने वकील उत्सव सिंह बैंस से पूछताछ भी की। बैंस ने सुप्रीम कोर्ट में बेंच फिक्सिंग सहित कई आरोप लगाए थे।

    एक सूत्र ने कहा, "बैंस द्वारा दाखिल हलफनामे और अन्य दस्तावेजों की पैनल द्वारा जांच की गई है। अब पैनल इस रिपोर्ट को पूरा करेगा और सितंबर के दूसरे सप्ताह तक इसे सील कवर में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेगा।" न्यायमूर्ति पटनायक ने सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक वकील की जांच की और उनका बयान दर्ज किया। सूत्रों ने कहा, "वकील (बैंस) की मंगलवार को पैनल द्वारा लगभग दो घंटे तक जांच की गई। वह न्यायमूर्ति पटनायक के कार्यालय में आए थे।"

    दरअसल शीर्ष अदालत ने 25 अप्रैल को बैंस के आरोपों की जांच करने के लिए पैनल का गठन किया था और सीबीआई, इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के निदेशकों और दिल्ली पुलिस आयुक्त को न्यायमूर्ति पटनायक के साथ सहयोग करने के लिए कहा था।

    इससे पहले न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली विशेष पीठ ने कहा था कि जांच पूरी होने पर न्यायमूर्ति पटनायक अदालत के समक्ष एक सीलबंद कवर में रिपोर्ट दायर करेंगे जिसके बाद इस मामले पर फिर से सुनवाई होगी। हालांकि, यह कहा गया था कि ये जांच मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ यौन उत्पीड़न के उन आरोपों से नहीं निपटेगी, जो शीर्ष अदालत की एक पूर्व महिला कर्मचारी ने लगाए थे।

    गौरतलब है कि 6 मई को मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को सुप्रीम कोर्ट की इन-हाउस जांच कमेटी से क्लीन चिट मिल गई थी, जिसमें उनके खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों में कोई सबूत नहीं मिलने की बात कही गई थी। इन-हाउस जांच कमेटी की अध्यक्षता जस्टिस एस ए बोबडे ने की और इसमें शीर्ष अदालत की दो महिला जज - जस्टिस इंदु मल्होत्रा ​​और इंदिरा बनर्जी शामिल थीं।

    शीर्ष अदालत ने पहले न्यायपालिका पर "व्यवस्थित हमले" पर नाराज़गी जताई थी और कहा था कि इस देश के अमीर और शक्तिशाली लोगों को यह बताने का समय आ गया है कि वे "आग से खेल रहे हैं।" बैंस द्वारा किए गए दावों की सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा था कि मुख्य न्यायाधीश को फंसाने के लिए ये एक "बड़ी साजिश" हो सकती है।

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