कोरोना से लड़ाई लड़ रहे डॉक्टरों को क्वारंटीन की बेहतर सुविधाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से विवरण मांगा

LiveLaw News Network

15 May 2020 4:04 PM IST

  • कोरोना से लड़ाई लड़ रहे डॉक्टरों को क्वारंटीन की बेहतर सुविधाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से विवरण मांगा

    सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कोरोना के उपचार से जुड़े डॉक्टरों को अस्पतालों के बाहर क्वारंटीन करने लिए किए गए इंतजामों का विवरण मांगा है। पीठ ने ये भी पूछा है कि अस्पताल के पास अन्य स्थानों पर ये सुविधा दी जा सकती है।

    जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस एस के कौल, और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वो अस्पतालों के बाहर डॉक्टरों के लिए किए गए प्रबंधों के बारे में विस्तृत निर्देश प्राप्त करें।

    दरअसल सुप्रीम कोर्ट में डॉ. आरुषि जैन द्वारा डॉक्टरों के लिए क्वारंटीन सुविधाओं पर दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रहा है।

    याचिकाकर्ता के लिए पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने पीठ को बताया कि

    अपनी ड्यूटी करने के बाद सरकार अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों को 14 दिनों के लिए क्वारंटीन में होना चाहिए, लेकिन एक ही अस्पताल में एक ही कमरे में एक बाथरूम साझा करने की सुविधा के साथ डॉक्टरों को रखा जा रहा है जिससे सारा उद्देश्य पराजित हो रहा है। सरकार ठहरने के लिए बेहतर जगह उपलब्ध कराएं।

    उन्होंने कहा,

    " दूसरी प्रार्थना सरकारी अस्पतालों में नियमित डॉक्टरों के संबंध में है, जिन्हें यात्रा कर जाना होता है। लेकिन नोएडा, गाजियाबाद से.. उन्हें वापस घर जाने में मुश्किल हो रही है। मैं प्रतिकूल आदेश नहीं मांग रहा हूं। रहने के लिए बेहतर जगह के लिए सरकार को कहना चाहिए। इस संबंध में एक SOP होना चाहिए।"

    वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा,

    " 27 अप्रैल को राज्यों को निर्देश दिया गया था कि वे आवश्यक होटलों का अधिग्रहण करें। मेडिकल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने पीएम के साथ एक विस्तृत बैठक की, जिस पर निर्देश जारी किए गए। हम पूरी तरह से सचेत हैं और कुछ भी जो हम कर सकते हैं वह किया जाएगा और किया भी जाना चाहिए। यदि कोई दिक्कत है तो उसे सरकार के नोटिस में लाया जाना चाहिए और यह किया जाना चाहिए। अध्यादेश लाया गया है।"

    पीठ ने पूछा,

    " क्या आप अस्पताल के निकल कोई व्यवस्था नहीं कर सकते हैं ?

    सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि यह एक अच्छा सुझाव है और इस पर विचार किया जाएगा। पीठ ने उन्हें एक सप्ताह में केंद्र से निर्देंश लाने के लिए कहा है।

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