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CBI Vs WB : सुप्रीम कोर्ट ने CBI की गिरफ्तारी की अनुमति की याचिका पर IPS राजीव कुमार से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से करोड़ों रुपये के शारदा चिट फंड घोटाले में उनकी गिरफ्तारी की सीबीआई की अर्जी पर उनका जवाब मांगा है।
एजेंसी ने कहा कि राजीव कुमार, जो चिट फंड मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) के दैनिक कामकाज के प्रभारी थे, कुछ प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य एकत्र करने में विफल रहे और कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों के खिलाफ जांच के साथ आगे नहीं बढ़े।
सीबीआई ने कहा कि हालांकि शारदा मामले के मुख्य अभियुक्त सुदीप्त सेन द्वारा टीएमसी के पूर्व सांसदों कुणाल घोष और श्रीजॉय बोस, वरिष्ठ वकील नलिनी चिदंबरम, पूर्व केंद्रीय मंत्री मतंग सिंह, उनकी पत्नी मनोरंजन सिंह और व्यवसायी शांतनु घोष को चिट फंड मामलों में कथित रूप से सांठगांठ रखने के लिए नामित किया था लेकिन केवल घोष के खिलाफ राजीव कुमार कथित रूप से आगे बढ़े जबकि उनके द्वारा बाकी सभी को बख्श दिया गया।
"एक गंभीर आशंका है कि राजीव कुमार, तत्कालीन पुलिस आयुक्त, बिधान नगर पुलिस, अर्नब घोष, तत्कालीन पुलिस उपायुक्त (डिटेक्टिव विभाग) और SIT व बिधान नगर पुलिस के अन्य जांच अधिकारियों ने मामले की जांच में सहयोग नहीं किया है," याचिका में कहा गया है।
सीबीआई कुमार को हिरासत में लेकर करना चाहती है पूछताछ
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट को बताया गंभीर
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने सीबीआई को यह निर्देश दिया था कि वो 7 दिनों के भीतर एक अलग से अर्जी दाखिल करे।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सीबीआई से कहा, "हम आपकी स्टेटस रिपोर्ट से गुजरे हैं। आपने (CBI) स्टेटस रिपोर्ट में प्रार्थना की है। यदि आप इसे एक अलग अर्जी बनाना चाहते हैं और स्टेटस रिपोर्ट की कुछ सामग्री देना चाहते है तो दे सकते हैं। लेकिन यह बहुत गंभीर है तो हम उन्हें (राजीव कुमार) को मौका दिए बिना अपने आप कोई कार्रवाई नहीं कर सकते।"