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CBI में समयबद्ध तरीके से मामलों की जांच पूरी हो, जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया
Live Law Hindi
9 April 2019 4:52 AM GMT

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सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर केन्द्र, केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) और सीबीआई को नोटिस जारी कर उनकी ओर से जवाब मांगा है, जिसमें कहा गया है कि सीबीआई द्वारा आपराधिक मामलों की जांच को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिये दिशा-निर्देश दिए जाएं।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने याचिकाकर्ता की दलीलें सुनने के बाद नोटिस जारी करते हुए कहा कि यह मामला महत्वपूर्ण है।
वकील मनीष पाठक द्वारा दाखिल इस याचिका में कहा गया है कि सीबीआई देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी है और ये हाई प्रोफाइल मामलों की जांच करती है। लेकिन इस एजेंसी के पास ऐसे कई महत्वपूर्ण मामले जांच के लिए लंबित हैं जिन्हें 5 साल से भी अधिक समय बीत चुका है। ऐसे में एजेंसी पीड़ितों के साथ न्याय नहीं कर पा रही है जो संविधान के तहत मौलिक अधिकार के तौर पर दिया गया है।
याचिका में ये भी कहा गया है कि एजेंसी ''प्रभावशाली लोगों'' से जुड़े मामलों की भी जांच करती है और ऐसे में ये देरी केस को कमजोर करती है और इन ''प्रभावशाली लोगों'' को साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने का मौका देती है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट द्वारा ऐसे दिशा- निर्देश तय किये जाएं ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि मामले की जांच में देरी या गड़बड़ी ना हो।
इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से यह भी अनुरोध किया गया है कि एजेंसी, कोर्ट में उन मामलों की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे जो जांच एजेंसी के पास 5 साल या इससे अधिक समय से लंबित हैं।
दायर याचिका में कहा गया है कि सीबीआई द्वारा जांच समयबद्ध तरीके से पूरी करने के लिए पीठ को सीबीआई व सीवीसी को दिशा- निर्देश जारी करने चाहिए ताकि नागरिकों एवं पीड़ितों को समय पर न्याय दिलाया जा सके।
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