बाबरी विध्वंस साजिश : विशेष अदालत ने कल्याण सिंह को समन जारी कर 27 सितंबर को पेश होने के निर्देश दिए

LiveLaw News Network

23 Sep 2019 3:07 AM GMT

  • बाबरी विध्वंस साजिश : विशेष अदालत ने कल्याण सिंह को समन जारी कर 27 सितंबर को पेश होने के निर्देश दिए

    1992 बाबरी विध्वंस साजिश के मामले में लखनऊ की विशेष CBI अदालत ने बीजेपी नेता कल्याण सिंह को बतौर आरोपी समन जारी करते हुए 27 सितंबर को अदालत में पेश होने के निर्देश दिए हैं।

    दरअसल इस मामले में कल्याण सिंह को अब तक राज्यपाल के तौर पर संवैधानिक पद पर होने के कारण ट्रायल से छूट मिली हुई थी, लेकिन अब उन्होंने पदमुक्त होकर फिर से बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की है। इसके बाद CBI ने उनके खिलाफ में अर्जी दाखिल कर उन्हें इस मामले में बतौर आरोपी समन जारी करने की मांग की थी।

    सुप्रीम कोर्ट ने विशेष जज को दिए थे निर्देश

    इससे पहले 19 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा के दिग्गज नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, एमएम जोशी, उमा भारती और अन्य के खिलाफ बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की साजिश की सुनवाई कर रहे लखनऊ की सीबीआई कोर्ट के विशेष जज को निर्देश दिया था कि वो नौ महीने में ट्रायल पूरा कर फैसला सुनाएं।

    इसके साथ ही पीठ ने 30 सितंबर को रिटायर हो रहे सीबीआई जज एसके यादव के कार्यकाल को भी ट्रायल पूरा होने तक बढ़ा दिया था। फैसला सुनाते हुए जस्टिस आरएफ नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने निर्देश दिया था कि जज 6 महीने में सुनवाई पूरी करेंगे। पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया था कि वो हाईकोर्ट से परामर्श कर जज के कार्यकाल को बढ़ाने के लिए नोटिफिकेशन जारी करे। इस मामले में शेष आरोपी अदालत से जमानत प्राप्त कर चुके हैं।

    सुप्रीम कोर्ट ने साजिश के आरोपों को बहाल किया था

    गौरतलब है कि 19 अप्रैल, 2017 को जस्टिस पीसी घोष और जस्टिस आरएफ नरीमन की सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा आरोपमुक्त किए जाने के खिलाफ सीबीआई द्वारा दायर अपील की अनुमति देकर आडवाणी, जोशी, उमा भारती और 13 अन्य भाजपा नेताओं के खिलाफ साजिश के आरोपों को बहाल किया था।

    संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी असाधारण संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए पीठ ने रायबरेली की एक मजिस्ट्रेट अदालत में लंबित अलग मुकदमे को भी स्थानांतरित कर दिया और इसे लखनऊ सीबीआई कोर्ट में आपराधिक कार्यवाही के साथ जोड़ दिया।

    शीर्ष अदालत ने मामले में दो साल में दिन-प्रतिदिन सुनवाई कर ट्रायल को समाप्त करने का आदेश दिया था और कहा था कि विशेष जज का ट्रांसफर नहीं होगा। पीठ ने कहा था कि एक आरोपी कल्याण सिंह को राजस्थान के राज्यपाल होने के नाते संवैधानिक प्रतिरक्षा प्राप्त है लेकिन जैसे ही वह पद त्यागते हैं तो उनके खिलाफ अतिरिक्त आरोप दायर किए जाएंगे।

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