Begin typing your search above and press return to search.
ताजा खबरें

दिल्ली में गिरफ्तारी अवैध, US जाने के सभी दस्तावेज मौजूद : शाह फैसल ने दिल्ली HC में जवाबी हलफनामा दाखिल किया

LiveLaw News Network
4 Sep 2019 12:45 PM GMT
दिल्ली में गिरफ्तारी अवैध, US जाने के सभी दस्तावेज मौजूद : शाह फैसल ने दिल्ली HC में जवाबी हलफनामा दाखिल किया
x

जम्मू-कश्मीर सरकार की हिरासत में बंदी जम्मू-कश्मीर के राजनीतिज्ञ शाह फैसल ने दिल्ली उच्च न्यायालय में सरकार द्वारा हैबियस कॉरपस याचिका पर दाखिल किए गए हलफनामे का जवाब दाखिल किया है।

उन्होंने अपनी याचिका में उल्लेख किया था कि वह अपनी शिक्षा के अंतिम सेमेस्टर को पूरा करने के लिए हार्वर्ड विश्वविद्यालय के लिए यात्रा कर रहे थे और जब वो विमान में चढ़ गए तो बाद में पुलिस द्वारा हिरासत में ले लिया गया।

अपने जवाब में जम्मू-कश्मीर सरकार ने वर्तमान अदालत के अधिकार क्षेत्र को चुनौती दी थी।

याचिकाकर्ता ने यह दावा किया कि उन्हें दिल्ली में गिरफ्तार किया गया और फिर जबरन श्रीनगर ले जाया गया जबकि वो खुद घाटी में जाने के इच्छुक नहीं थे।

जस्टिस मनमोहन और जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने मामले को 12 सितंबर को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया क्योंकि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता इस मामले में बहस को आगे बढ़ाने के लिए उपलब्ध नहीं थे।

याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी से पहले इंटेलिजेंस ब्यूरो द्वारा जारी किए जाने वाले लुक आउट नोटिस (LOC) के मुद्दे पर, यह दलील दी गई है कि राज्य सरकार द्वारा जवाब दाखिल करने से पहले इसे याचिकाकर्ता को नहीं दिया गया था। इसके अलावा हलफनामे में LOC की सामग्री का उल्लेख नहीं किया गया है और ना ही इसके आधार को ठीक से समझाया गया है। LOC

जारी करने के विकल्प पर भी सवाल उठाया गया है क्योंकि यह उन अपराधियों के लिए जारी किया जाता है जिनके देश से भागने की उम्मीद की जाती है जबकि फैसल हमेशा से ही देश के सम्मानीय नागरिक रहे हैं।

याचिकाकर्ता को गिरफ्तार करने की पूरी गतिविधि को अवैध साबित करने के लिए जवाबी हलफनामे में निम्नलिखित कारण भी दिए गए हैं :

1. वह संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश करने के लिए एक वैध पासपोर्ट और वैध वीजा के साथ पब्लिक एडमिनिसट्रेशन में अपनी डिग्री खत्म करने के लिए हार्वर्ड कैनेडी स्कूल की यात्रा कर रहा था। हालांकि जवाब में आईबी द्वारा दिल्ली हवाई अड्डे पर गिरफ्तारी का कोई कारण नहीं बताया गया है। यहां तक ​​कि भड़काऊ भाषण देने की घटना श्रीनगर में हुई तो नई दिल्ली में गिरफ्तारी के लिए कोई आधार नहीं था।

2. धारा 107 के तहत कार्यकारी मजिस्ट्रेट का आदेश इस नजरबंदी को वैध करने के लिए एक तरफा पारित किया गया था। इसके अलावा, याचिकाकर्ता द्वारा 'बड़ी सभा' ​​को संबोधित करने के बारे में तथ्य यह है कि हवाई अड्डे पर हाई सिक्योरिटी थी और वहां किसी भी सभा के जुटने की कोई संभावना नहीं थी।

याचिकाकर्ता ने निम्नलिखित आधार भी प्रस्तुत किए जिनके चलते उन्हें तत्काल रिहा किया जाना चाहिए:

1. याचिकाकर्ता को जबरन और उनकी इच्छा के खिलाफ नई दिल्ली में गिरफ्तारी के बाद श्रीनगर ले जाया गया और वह भी किसी उचित आधार के अभाव में

2. श्रीनगर हवाई अड्डे पर याचिकाकर्ता को किसी मजिस्ट्रेट के सामने पेश नहीं किया गया

3. याचिकाकर्ता के पास संबंधित अधिकारियों द्वारा यात्रा के उद्देश्य के लिए वैध वीजा जारी किया गया और ये मान्यता प्राप्त था।

कोर्ट अब 12 सितंबर को मेरिट के आधार पर बहस सुनेगा।

Next Story