Begin typing your search above and press return to search.
ताजा खबरें

AGR पर टेलीकॉम कंपनियों को फिर झटका,  सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज किया 

LiveLaw News Network
16 Jan 2020 12:43 PM GMT
AGR पर टेलीकॉम कंपनियों को फिर झटका,   सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज किया 
x

समायोजित सकल राजस्व (AGR) मामले में टेलीकॉम कंपनियों को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों की पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया है।

कोर्ट के फैसले के मुताबिक 23 जनवरी तक टेलीकॉम कंपनियों को बकाया चुकाना है।

दरअसल 22 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों भारती एयरटेल, वोडा- आइडिया और टाटा टेलीसर्विसेज ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी।

याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया गया कि पीठ 24 अक्तूबर के उस फैसले पर फिर से विचार करे जिसमें गैर दूरसंचार आय को भी AGR में शामिल किया गया है।

तीनों कंपनियों ने अलग- अलग दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट से जुर्माने और ब्याज के साथ-साथ जुर्माने पर लगाए गए ब्याज को भी माफ करने की गुहार लगाई थी।

याचिका में DoT द्वारा लगाए गए जुर्माने की राशि को भी चुनौती दी गई थी।

गौरतलब है कि 24 अक्तूबर को दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट से उस समय एक तगड़ा झटका लगा था जब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की याचिका को मंज़ूर करते हुए केंद्र को टेलीकॉम कंपनियों से लगभग 92,000 करोड़ रुपये का समायोजित सकल राजस्व (AGR)वसूलने की अनुमति दे दी।

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा गठित समायोजित सकल राजस्व की परिभाषा को बरकरार रखा था। बेंच ने कहा, "हमने माना है कि एजीआर की परिभाषा प्रबल होगी," बेंच में जस्टिस एस ए नज़ीर और एम आर शाह भी शामिल थे।

शीर्ष अदालत ने फैसले के ऑपरेटिव हिस्से को पढ़ते हुए कहा,

"हमने दूरसंचार विभाग की अपील को अनुमति दी है और लाइसेंसधारियों (टेलीकॉम) की अपील को बर्खास्त कर दिया है।"

शीर्ष अदालत ने कहा कि उसने दूरसंचार कंपनियों के अन्य सभी सबमिशन को खारिज कर दिया है। इसमें कहा गया है कि सेवा प्रदाताओं को DoT को जुर्माना और ब्याज का भुगतान करना होगा।

पीठ ने यह स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर कोई और मुकदमा नहीं होगा। दूरसंचार कंपनियों द्वारा बकाया राशि की गणना और भुगतान के लिए तीन महीने दिए गए।

केंद्र ने बताया था किस पर कितना बकाया जुलाई में केंद्र ने शीर्ष अदालत को बताया था कि भारती एयरटेल, वोडाफोन और राज्य के स्वामित्व वाली एमटीएनएल और बीएसएनएल जैसी प्रमुख निजी दूरसंचार फर्मों के ऊपर अब तक 92,000 करोड़ रुपये से अधिक का लाइसेंस शुल्क बकाया है। शीर्ष अदालत में दायर एक हलफनामे में, DoT ने कहा कि गणना के अनुसार, Airtel को सरकार को लाइसेंस शुल्क के रूप में 21,682.13 करोड़ रुपये चुकाने हैं।

DoT ने कहा कि वोडाफोन पर 19,823.71 करोड़ रुपये बकाया है, जबकि रिलायंस कम्युनिकेशंस का कुल 16,456.47 करोड़ रुपये बकाया है। बीएसएनएल का 2,098.72 करोड़ रुपये बकाया है, जबकि MTNL का 2,537.48 करोड़ रुपये बकाया है।

Next Story