सूरत कोचिंग सेंटर में आग: SIT और न्यायिक आयोग से जांच की PIL पर गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व अन्य को नोटिस जारी किया

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14 Jun 2019 9:31 AM GMT

  • सूरत कोचिंग सेंटर में आग: SIT और न्यायिक आयोग से जांच की PIL पर गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व अन्य को नोटिस जारी किया

    गुजरात उच्च न्यायालय ने गुरुवार को राज्य सरकार और अन्य को उस जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया है, जिसमें सूरत में कोचिंग संस्थान में आग की घटना की विशेष जांच दल द्वारा जांच के साथ-साथ न्यायिक आयोग से जांच की मांग की गई है। बीते 24 मई को हुई इस त्रासदी में 22 छात्रों ने अपनी जान गवां दी थी।

    जवाबदेही तय करने के लिए न्यायिक आयोग के गठन गठन की मांग
    अदालत ने सूरत के एक सिविल वर्क के ठेकेदार संजीव भार्गव एझावा द्वारा वकील विशाल दवे और निपुण सिंघवी के माध्यम से दाखिल जनहित याचिका पर यह नोटिस जारी किया। इसमें यह आग्रह किया गया है कि आग की त्रासदी को लेकर सरकारी अधिकारियों और निजी व्यक्तियों की जवाबदेही तय करने के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन किया जाए।

    "कानून एवं नियम न मानने वाले भवनों को सरकार करे सील"
    एझावा ने यह भी प्रार्थना की है कि मामले में दर्ज सभी एफआईआर की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया जाए और अदालत के समक्ष इसकी एक रिपोर्ट पेश की जाए। उन्होंने यह भी आग्रह किया है कि राज्य सरकार को उन सभी भवनों को सील करने का निर्देश दिया जाए जो इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए उप-कानूनों और राष्ट्रीय भवन संहिता का पालन नहीं करते हैं।

    आग और सुरक्षा के उपाय सुनिश्चित करने का निर्देश देने का आग्रह
    याचिकाकर्ता ने अदालत से यह आग्रह किया है कि वह सरकारी एजेंसियों को नेशनल बिल्डिंग कोड ऑफ़ इंडिया, 2016 और अन्य स्थानीय कानूनों के अनुसार हर इमारत में आग और सुरक्षा के उपाय सुनिश्चित करने का निर्देश दे।

    पब्लिक एक्सेस की सभी इमारतों का हो ऑडिट
    उन्होंने याचिका में पब्लिक एक्सेस की सभी इमारतों जैसे मॉल, स्कूल, शैक्षणिक संस्थान आदि के लिए समय-समय पर ऑडिट करने लिए एक केंद्रीयकृत ऑडिट मैकेनिज्म तैयार करने का अनुरोध भी किया है।

    अग्नि बीमा सुरक्षा की अनिवार्य योजना की मांग
    याचिका में यह भी कहा गया है कि किसी भी बिल्डर को कोई पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाना चाहिए जब तक कि संरचना कानून के अनुरूप ना हो और उन सभी भवनों को सील करने के लिए कहा जाए जो निर्माण के उप-कानूनों का उल्लंघन करते हैं। जनहित याचिका में यह भी सिफारिश की गई है कि सरकार को बैंक्वेट हॉल, कोचिंग क्लास, स्कूलों सहित सभी इमारतों के लिए अग्नि बीमा सुरक्षा की अनिवार्य योजना लानी चाहिए।

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