विदेश यात्रा का अधिकार एक महत्वपूर्ण बुनियादी मानवीय अधिकार : सुप्रीम कोर्ट ने विभागीय कार्यवाही का सामना कर रहे IPS अफसर को विदेश जाने की अनुमति दी [आर्डर पढ़े]
Live Law Hindi
15 April 2019 11:18 AM IST
"हमारी राय यह है कि विभागीय कार्यवाही की लंबितता अधिकारी को विदेश यात्रा से रोकने के लिए कोई आधार नहीं हो सकती है।"
विदेश यात्रा का अधिकार एक महत्वपूर्ण बुनियादी मानवीय अधिकार है, यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने विभागीय कार्यवाही का सामना करने वाले एक IPS अधिकारी को निजी विदेश यात्रा पर जाने की अनुमति दे दी।
न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एम. आर. शाह की पीठ ने कहा कि अधिकारी को विदेश यात्रा से रोकने के लिए विभागीय कार्यवाही की लंबितता कोई आधार नहीं हो सकती।
उनकी अपील को स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि अफसर को यात्रा करने का मौलिक अधिकार है और इस अधिकार का उल्लंघन इस आधार पर नहीं किया जा सकता कि उन्हें विजिलेंस मंजूरी नहीं दी गई है। बाद में पीठ ने इस संबंध में भारत सरकार से विचार मांगे।
अपनी वापसी को लेकर वचन पत्र करना होगा दाखिल
न्यायालय ने यह भी कहा कि उक्त अफसर को पहले वर्ष 2017 में अमेरिकी यात्रा करने की अनुमति दी गई थी और वह तुरंत वापस आ गया था। इस पर ध्यान देते हुए पीठ ने अधिकारी को 28.04.2019 और 01.06.2019 की अवधि के बीच अमेरिका और फ्रांस जाने की अनुमति दी। यह अनुमति रजिस्ट्री में एक वचन पत्र दाखिल करने के अधीन है कि वह 01.06.2019 को वापस आ जाएगा।