"इस देश में क्या चल रहा है ?" : उन्नाव केस में खामियों से नाराज CJI गोगोई ने उठाए सवाल

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2 Aug 2019 7:27 AM GMT

  • इस देश में क्या चल रहा है ? : उन्नाव केस में खामियों से नाराज CJI गोगोई ने उठाए सवाल

    "इस देश में क्या हो रहा है?" उन्नाव बलात्कार मामले में व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सवाल उठाया। उन्होंने यह कहा, "क्या इस केस में कानून के किसी भी प्रावधान का पालन किया गया है ?"

    पीठ ने जताई रजिस्ट्री के प्रति अपनी नाराजगी

    पीठ ने ये टिप्पणी उस वक्त की जब सुप्रीम कोर्ट के सेकेट्री जनरल ने कोर्ट में कहा कि कानूनी प्रावधान के मुताबिक पीड़िता मुआवजे की हकदार है। इस पर पीठ ने नाराजगी जताई कि खुद रजिस्ट्री ने चिट्ठी को वक्त पर CJI को ना देकर प्रक्रिया का पालन नहीं किया है।

    "SC रजिस्ट्री को हर महीने 5000 पत्र याचिकाएं मिलती हैं। पिछले महीने कुछ 6800 थे। पीड़ित का नाम रजिस्ट्री को नहीं पता था ... एक तय स्क्रीनिंग प्रक्रिया है, जिसका पालन किया जा रहा था और जब रविवार को दुर्घटना हुई तब CJI को लिखे गए परिवार की पत्र की रिपोर्ट सामने आई। रजिस्ट्री द्वारा CJI के संज्ञान में लाया गया," सेकेट्री जनरल ने यह जवाब दिया।

    किसी जिम्मेदार CBI अधिकारी को कोर्ट आने का मिला था निर्देश

    वहीं गुरुवार सुबह पीठ ने किसी जिम्मेदार सीबीआई अधिकारी को दोपहर 12 बजे अदालत में उपस्थित होने के लिए कहा था। "सीबीआई के जांच अधिकारी जांच के उद्देश्य से स्टेशन से बाहर हैं ... मामले के रिकॉर्ड आज शाम तक ही प्राप्त हो सकते हैं ... इस सुनवाई को कल सुबह तक के लिए स्थगित किया जा सकता है", SG तुषार मेहता ने गुहार लगाई थी।

    CBI की संयुक्त निदेशक संपत मीणा हुई उपस्थित

    "नहीं। सीबीआई निदेशक फोन पर यह जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ... सीबीआई के पास अपना विमान होना चाहिए। उसमें अधिकारियों को लाया जाए," मुख्य न्यायाधीश ने टिप्पणी की। मुख्य न्यायाधीश गोगोई ने यहां तक ​​कहा कि यदि खुली अदालत में ब्योरा नहीं दिया जा सकता तो सुनवाई चैंबर में हो सकती है। आखिरकार सीबीआई की संयुक्त निदेशक संपत मीणा पीठ के समक्ष उपस्थित हुई।

    CJI ने मांगी पीड़िता के बारे में जानकारी

    वहीं CJI ने जब पीड़िता के बारे में जानकारी मांगी तो SG ने जवाब दिया कि वह वेंटिलेटर पर है। "क्या उसे एयरलिफ्ट किया जा सकता है और एम्स में ले जाया जा सकता है?" मुख्य न्यायाधीश ने पूछा। डॉक्टरों की एक टीम यह पता लगाए कि क्या वह और उसके वकील को दिल्ली लाया जा सकता है और 2 बजे अदालत को सूचित किया जाए।

    7 दिन में पूरी हो जांच

    "आप दुर्घटना की जांच में कितना समय लेंगे?", मुख्य न्यायाधीश ने पूछा तो SG ने कहा, "एक महीना, जांच अभी शुरू हुई है।" मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "एक महीना? नहीं, 7 दिन। आपको जो करना है, करें।"

    एमिकस क्यूरी ने की मुआवजे की मांग

    अपनी बारी आने पर एमिकस क्यूरी वी. गिरी ने पीड़िता को मुआवजा देने का आग्रह किया- "जानकारी बहुत परेशान कर रही है. केवल उसकी मां उसके लिए अस्पताल में है ... मां न केवल मुख्य गवाह है, बल्कि एक पीड़ित भी है ... परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है ... सुरक्षा की आवश्यकता है ... इन 2 वर्षों में आरोप तय नहीं किए गए हैं।"

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