Begin typing your search above and press return to search.
ताजा खबरें

पश्चिम बंगाल में BJP को रथ यात्रा निकालने की इजाजत देने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार

Rashid MA
15 Jan 2019 4:00 PM GMT
पश्चिम बंगाल में BJP को रथ यात्रा निकालने की इजाजत देने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार
x

पश्चिम बंगाल में रथ यात्रा को लेकर भारतीय जनता पार्टी को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिल पाई है। मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा रथ यात्रा पर प्रतिबंध के फैसले पर किसी तरह का दखल देने से इनकार कर दिया। हालांकि पीठ ने भाजपा को राज्य में रैली व बैठक करने की इजाजत दे दी है।

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि राज्य सरकार की तरफ से जाहिर किया गया सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने का शक, बेबुनियाद नहीं है और कानून- व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। पीठ ने भाजपा से कहा कि वह अपनी बंगाल रथ यात्रा के लिये प्राधिकरण से नई मंजूरी प्राप्त करे। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से भी कहा है कि वे संविधान में दिए गए बोलने और अभिव्यक्ति के मौलिक अधिकार को ध्यान में रखते हुए रथ यात्रा के लिये भाजपा की अर्जी पर फैसला करे।

इस दौरान पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से कहा गया कि भाजपा को 150 से ज्यादा रैली और चुनावी बैठकों की इजाजत दी गई है जबकि पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक रथ यात्रा से सांप्रदायिक माहौल बिगड़ने की आशंका है। ऐसे में रथ यात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती।

वहीं बीजेपी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि यात्रा निकालना पार्टी का संवैधानिक अधिकार है। इस तरह सरकार इस अधिकार को रोक नहीं सकती। भाजपा, एक जिम्मेदार राजनीतिक पार्टी है और ये कहना गलत है कि उसकी रथ यात्रा से सांप्रदायिक माहौल खराब हो सकता है।

8 जनवरी को पश्चिम बंगाल में रथ यात्रा को लेकर भाजपा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। पीठ ने सरकार से भाजपा को रथ यात्रा की तारीख देने को कहा था। जस्टिस एल. नागेश्वर राव और जस्टिस संजय किशन कौल की पीठ ने कहा था कि इस मामले की सुनवाई 15 जनवरी को होगी।

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में भाजपा ने 21 दिसंबर 2018 के कलकत्ता हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की खंडपीठ ने रथ यात्रा की अनुमति को रद्द कर दिया था। इससे पहले हाई कोर्ट की एकल पीठ ने भाजपा को रथ यात्रा की इजाजत दी थी, जिस फैसले के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार ने कोर्ट की बड़ी बेंच में याचिका लगाई थी।

अपनी याचिका में भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने और छुट्टियों में ही याचिका पर जल्द सुनवाई की गुहार लगाई थी, लेकिन वेकेशन रजिस्ट्रार ने इससे इनकार कर दिया था।

21 दिसंबर 2018 को कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश देबाशीष कारगुप्ता और न्यायमूर्ति शम्पा सरकार की खंडपीठ ने रथ यात्रा के लिए दी गई अनुमति को रद्द करते हुए मामला वापस एकल पीठ के पास भेजते हुए कहा था कि वह इस मामले पर विचार करते वक्त राज्य सरकार की ओर से दी गई खु्फिया जानकारी को ध्यान में रखे। दो जजों की पीठ ने यह आदेश राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई के बाद दिया, जिसमें सरकार द्वारा एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी गई थी।

गौरतलब है कि राज्य सरकार के तीन सबसे वरिष्ठ अधिकारियों के पैनल ने यात्रा को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था। ममता सरकार के फैसले के खिलाफ भाजपा ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी और सरकार के आदेश को रद्द करते हुए न्यायमूर्ति तापब्रत चक्रवर्ती की एकल पीठ ने भाजपा के रथ यात्रा कार्यक्रम को मंजूरी दे दी थी। इस मंजूरी के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार ने दो जजों की पीठ के समक्ष याचिका डाली थी।

21 दिसंबर 2018 को बड़ी बेंच ने एकल बेंच का फैसला पलटते हुए रथ यात्रा पर रोक बरकरार रखने का फैसला सुनाया। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को उत्तर बंगाल के कूच बिहार से इस यात्रा को 7 दिसंबर को हरी झंडी दिखानी थी।

Next Story