Begin typing your search above and press return to search.
ताजा खबरें

" न्यूनतम स्नातक और 75 साल से कम उम्र के लोग ही चुनाव लड़े, " सुप्रीम कोर्ट 25 मार्च को करेगा अर्जी पर सुनवाई

Live Law Hindi
15 March 2019 12:04 PM GMT
 न्यूनतम स्नातक और 75 साल से कम उम्र के लोग ही चुनाव लड़े,  सुप्रीम कोर्ट 25 मार्च को करेगा अर्जी पर सुनवाई
x

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा है कि वो उस याचिका पर 25 मार्च को सुनवाई करेगा जिसमें यह मांग की गई है कि राजनीतिक दल न्यूनतम स्नातक की योग्यता रखने वाले और 75 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों को ही चुनाव में उम्मीदवार बनाए।

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर याचिका को उपयुक्त पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।

दरअसल मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ उपाध्याय द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें सांसदों व विधायकों से जुड़े आपराधिक मामलों के ट्रायल के लिए विशेष अदालतें गठित करने समेत कई दिशा-निर्देश दिए गए थे।

उपाध्याय ने अपनी ताजा अंतरिम अर्जी में कहा है कि चुनाव मैदान में अनपढ़ उम्मीदवारों को उतरने से रोकना एक "उचित प्रतिबंध" है, ये देखते हुए कि विधायकों, एमएलसी और सांसदों को रियायतें और विशेषाधिकार प्राप्त होते हैं।

याचिका में कहा गया है कि विधायकों, सांसदों द्वारा किए गए कार्य लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं और इसका कोई कारण नहीं है कि उन्हें नगरपालिका पार्षदों और ग्राम प्रधानों की तुलना में निचले मानकों पर रखा जाए। याचिका में कहा गया है, "कई राज्यों में उम्मीदवार के अनपढ़ होने पर नगरपालिका पार्षद और ग्राम प्रधान के लिए बिल्कुल भी विचार नहीं किया जाएगा।"

अगर कोई व्यक्ति, जो कानून बनाने और संविधान में संशोधन करने जा रहा है, वह "कानून के फायदे- नुकसान" को समझने के लिए पर्याप्त शिक्षित नहीं है तो यह इसके "विनाशकारी" परिणाम होंगे।

याचिका में कहा गया है, "यह सच है कि भले ही कोई व्यक्ति उच्च शिक्षित हो, फिर भी वह विधायक, सासंद होने के लिए अनुपयुक्त हो सकता है, लेकिन वो जनप्रतिनिधि जो 21वीं शताब्दी में कॉलेज या विश्वविद्यालय में नहीं गया, यह बिल्कुल सही नहीं है।"

याचिका में आगे कहा गया है कि बतौर एक देश, किसी ऐसे व्यक्ति को हमारा प्रतिनिधित्व कैसे सौंपा जा सकता है जो ना तो ठीक से बोल सके और ना ही किसी समय उत्पन्न होने वाली किसी भी असाधारण स्थिति को संभाल सके?

इस जनहित याचिका में सांसदों व विधायकों के लिए विशेष आपराधिक अदालतें स्थापित करने के अलावा मामलों में दोषी ठहराए गए राजनेताओं पर आजीवन प्रतिबंध लगाने की भी मांग की गई है।

Next Story