चुनाव में 50% VVPAT सत्यापन की याचिका : सुप्रीम कोर्ट ने 21 विपक्षी पार्टियों को चुनाव आयोग के हलफनामे पर जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय दिया
Live Law Hindi
7 April 2019 10:10 PM IST
लोकसभा चुनाव में 50 प्रतिशत VVPAT सत्यापन की मांग वाली याचिका पर 21 विपक्षी पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि EVM से VVPAT पर्ची के 50 फीसदी मिलान से चुनाव की निष्पक्षता सुनिश्चित होगी और ऐसे में अगर चुनाव परिणाम की घोषणा में 6 दिनों की देरी होती है तो वो भी उन्हें मंजूर है।
चुनाव आयोग द्वारा दाखिल हलफनामे के जवाब में हलफनामा दाखिल करते हुए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू व 20 अन्य पार्टियों के नेताओं ने कहा है कि चुनाव आयोग ने जो गिनती का आंकड़ा दिया है वो एक बूथ पर मिलान के लिए एक कर्मचारी के हिसाब से दिया है।
हलफनामे में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत चुनाव आयोग ने शत प्रतिशत EVM में VVPAT का प्रावधान किया है और यदि अब भी एक विधानसभा क्षेत्र में एक बूथ पर ही औचक मिलान की व्यवस्था जारी रहती है तो ये चुनाव की निष्पक्षता और EVM की दक्षता को कमजोर करेगी।
विपक्षी नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में साफ किया है कि वो EVM की निष्पक्षता पर सवाल नहीं उठा रहे हैं बल्कि उनका प्रयास मौजूदा व्यवस्था में मतदाता का विश्वास सुनिश्चित करना है।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ अब सोमवार को इस मामले में सुनवाई करेगी। दरअसल 1 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को 1 हफ्ते में चुनाव आयोग के हलफनामे पर जवाब दाखिल करने को कहा था।
मतगणना के लिए आवश्यक समय बढ़ जाएगा
इससे पहले चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि संसदीय निर्वाचन क्षेत्र या विधानसभा क्षेत्र में 50 फीसदी वोटर वेरिफिकेशन पेपर ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्ची सत्यापन संभव नहीं है क्योंकि इससे मतगणना के लिए आवश्यक समय को 6 से 9 दिनों के लिए बढ़ाना पड़ जाएगा।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और 20 अन्य राजनीतिक नेताओं द्वारा दायर याचिका के जवाब में चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि पर्ची सत्यापन के लिए एक बड़े नमूने को लेने के लिए EVM को और भी दुरुस्त करना होगा।
यह उल्लेख करना अधिक प्रासंगिक है कि कोई भी गणना मानवीय त्रुटियों या जानबूझकर शरारत करने के लिए प्रवृत्त होती है और किसी भी बड़े पैमाने पर पर्ची सत्यापन के जरिये मतगणना से मानवीय त्रुटि और शरारत की संभावना कम हो जाती है।