निचली अदालतों में रिक्तियां : सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और हाई कोर्ट से 30 जुलाई तक स्टेटस रिपोर्ट मांगी

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10 July 2019 3:05 PM GMT

  • निचली अदालतों में रिक्तियां : सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और हाई कोर्ट से 30 जुलाई तक स्टेटस रिपोर्ट मांगी

    सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रार जनरल से यह कहा है कि वो जिला और अधीनस्थ न्यायिक सेवाओं में विभिन्न पदों की रिक्तियों को भरने संबंधी विवरण प्रस्तुत करें।

    मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंगलवार को संबंधित प्राधिकरण को 30 जून तक प्रत्येक राज्य में न्यायिक सेवा में रिक्तियों को भरने के संबंध में उठाए गए कदम के बारे में सूचित करने के लिए कहा है। इन रिपोर्ट पर सुनवाई की अगली तारीख 30 जुलाई को विचार किया जाएगा।

    पीठ ने अधिकारियों को प्रत्येक काडर की कुल क्षमता के बारे में विवरण दाखिल करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा पीठ द्वारा विभिन्न संवर्गों में वास्तव में भरे गए पदों की संख्या; प्रत्येक काडर में खाली पड़े पदों की संख्या; जिन पदों के संबंध में वर्तमान में चयन चल रहा है और चयन की उक्त प्रक्रिया का चरण और अंत में, विभिन्न संवर्गों में पदों की संख्या जिसके लिए चयन की प्रक्रिया शुरू की जानी है, ये सब बताने को कहा गया है।

    अदालत ने राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए नियुक्त किए गए 4 एमिकस क्यूरी से भी विचार मांगे हैं। पीठ ने प्रत्येक राज्य के विधि सचिवों और प्रत्येक उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रार जनरल को सुनवाई की अगली तारीख पर व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। ये निर्देश निचली न्यायपालिका में रिक्तियों को भरने और बुनियादी ढांचे के लिए धन के आवंटन की निगरानी के लिए स्वत: संज्ञान सुनवाई के दौरान दिए गए।

    एमिकस क्यूरी और वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया ने भी अधीनस्थ न्यायपालिका के बुनियादी ढांचे पर केंद्रीय फंडिंग से निपटने के लिए एक रिपोर्ट प्रस्तुत की। पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से यह कहा है कि वोे अगली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के विचार कोर्ट के सामने रखें।

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