नहीं है आरपी एक्ट में संशोधन का कोई प्रस्ताव ,ताकि जीतने वाली राजनीतिक पार्टियों को जवाबदेह ठहराया जा सके मैनिफेस्टो में किए वादों के लिए कानून मंत्री ने कहा

Live Law Hindi

4 July 2019 7:29 AM GMT

  • नहीं है आरपी एक्ट में संशोधन का कोई प्रस्ताव ,ताकि जीतने वाली राजनीतिक पार्टियों को जवाबदेह ठहराया जा सके मैनिफेस्टो में किए वादों के लिए कानून मंत्री ने कहा

    एक सवाल का जवाब देते हुए कानून मंत्री ने लोकसभा में यह बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में ऐसे किसी संशोधन का कोई प्रस्ताव नहीं है जिसके द्वारा जीतने वाली पार्टियों को चुनावी मैनिफेस्टों में किए गए वादों के लिए जवाबदेह या जिम्मेदार ठहराया जा सके।

    कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने संसद में दिया जवाब
    रवि शंकर प्रसाद ने सदन को बताया कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है, जिसके तहत आम चुनाव व विधानसभा चुनाव जीतने वाले राजनीतिक दलों के लिए यह अनिवार्य कर दिया जाए कि वह तीसरे वर्ष में सार्वजनिक मंच पर अपने घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा करने संबंधी ब्यौरा पेश करे और उन वादों को पूरा करने के आधार पर राजनीतिक दलों को मान्यता देने के मामले में सरकार विचार कर रही है।

    ईवीएम से नहीं हो सकती है छेड़छाड़
    ईवीएम के साथ छेड़छाड़ ओर चुनाव परिणाम में हेरफेर के खिलाफ लगातार आ रही शिकायतों के मद्देनजर पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए क्या सरकार चुनावी सुधारों को लागू करने के लिए तैयार है,इस सवाल का जवाब देते हुए कानून मंत्री ने कहा कि-

    ''भारतीय चुनाव आयोग ने यह सूचित किया है कि तकनीकी उपाय व कठोर प्रशासनिक और सुरक्षा प्रक्रिया अपनाए जाने के कारण उनके द्वारा प्रयोग की गई ईवीएम से छेड़छाड़ संभव नहीं है। जो मशीन आयोग ने प्रयोग की है वह एक स्टैंड-अलोन यानि अकेले चलने योग्य,नाॅन नेटवक्र्ड और वन टाइम प्रोग्रामेबल है, जिसे न तो कंप्यूटर से नियंत्रित किया जा सकता है और न ही इंटरनेट या किसी नेटवर्क से जोड़ा जा सकता है। इसलिए उसे हैक नहीं किया जा सकता है। मशीन को इलैक्ट्रानिक तरीके से ऐसे सुरक्षित किया गया है कि उससे छेड़छाड़ न की जा सके। इस मशीन में प्रयोग किया गया प्रोग्राम एक बार में प्रयोग होेने वाला प्रोग्राम/अप्रत्यक्ष या मैस्क्ट चिप है ताकि उससे कोई छेड़छाड़ या उसमें बदलाव ना किया जा सके।''

    कानून मंत्री ने आगे यह भी बताया कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में किसी भी निवार्चन क्षेत्र में ईवीएम ओर वीवीपीएटी मशीन की गिनती के बीच विसंगति के बारे में जानकारी एकत्रित की जा रही है।

    कानून मंत्री ने यह भी कहा कि भारत सरकार विधि आयोग द्वारा की गई उन अनुशंसाओं पर भी विचार कर रही है जो ''चुुनावी सुधार'' पर पेश की गई 255वी रिपोर्ट में की गई है। जिनमें राजनीतिक दलों के वित विनियमन की बात कही गई है ताकि चुनाव में काले के धन के उपयोग को रोका जा सके।

    Tags
    Next Story