"उसे अपनी पसंद की जगह रहने का अधिकार है": सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के दोषी की पत्नी को ससुराल जाने की इजाजत दी [आर्डर पढ़े]
Live Law Hindi
30 May 2019 10:58 AM GMT
"हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि उच्च न्यायालय ने अपीलकर्ता को मद्रास क्रिश्चियन काउंसिल ऑफ सोशल सर्विस में घर में रखे जाने का निर्देश देते हुए अंतरिम आदेश कैसे पारित किया.."
सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास उच्च न्यायालय के उस फैसले को रद्द कर दिया जिसमें हत्या के एक दोषी व्यक्ति की पत्नी के अपने ससुराल वालों के साथ रहने के अनुरोध को ठुकरा दिया गया था।
HC ने महिला की 'सुरक्षा और भलाई' को बनाया था फैसले का आधार
पीठ ने महिला की 'सुरक्षा और भलाई' को ध्यान में रखते हुए उसे मद्रास क्रिश्चियन काउंसिल ऑफ सोशल सर्विस के घर में रखे जाने का निर्देश दिया था। अदालत ने आगे निर्देश दिया कि इस अवधि के दौरान किसी को भी उससे मिलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
SC की मद्रास HC के निर्णय पर टिप्पणी
इस तथ्य पर ध्यान देते हुए कि महिला बालिग है और उसने अपने पति के परिवार के साथ रहने की इच्छा व्यक्त की है, CJI रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा: "हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि उच्च न्यायालय ने अपीलकर्ता को मद्रास क्रिश्चियन काउंसिल ऑफ सोशल सर्विस में घर में रखे जाने का निर्देश देते हुए अंतरिम आदेश कैसे पारित किया... वह पति के रिश्तेदारों के साथ अपने पति के घर में रहने का फैसला करने का अधिकार रखती है।"
यह टिप्पणी देते हुए पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया और महिला को मद्रास क्रिश्चियन काउंसिल ऑफ सोशल सर्विस के घर से रिहा करने का निर्देश दिया।