बीसीआई ने बीआर गवई, सूर्य कांत राव, विशाल मिश्रा को पदोन्नति देने को सही ठहराया
Live Law Hindi
20 May 2019 4:27 PM IST
बार काउंसिल (बीसीआई) के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने एक बयान जारी कर कहा है कि न्यायमूर्ति बीआर गवई और सूर्य कांत राव को सुप्रीम कोर्ट में और एडवोकेट विशाल शर्मा को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का जज नियुक्त करने के कॉलेजियम के फ़ैसला सही है।
बीसीआई ने वरिष्ठ वक़ील दुष्यंत दवे की इस बात के लिए आलोचना की कि उन्होंने कॉलेजियम की अनुशंसा को "पारस्परिकता" बताया और कहा कि न्यायमूर्ति गवई और न्यायमूर्ति बोबडे और मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत के बीच घनिष्ठ संबंध है।
अपने बयान में मिश्रा ने कहा की न्यायमूर्ति गवई और न्यायमूर्ति बोबडे दोनों ही बॉम्बे हाईकोर्ट से आते हैं और इसलिए वे निश्चित ही एक दूसरे को जानते होंगे। इसी तरह सीजेआई निश्चित रूप से न्यायमूर्ति सूर्य कांत से कई मौक़ों पर बात की होगी। इसलिए दुष्यंत दवे का आरोप निराधार लगता है।
कॉलेजियम की न्यायमूर्ति बीआर गवई और सूर्य कांत राव के नामों की अनुशंसा का उल्लेख करते हुए दुष्यंत दवे ने अपने आलेख में लिखा था : "... हाल में दो जजों को पदोन्नति देने का उदाहरण लें जिसमें न्यायमूर्ति बीआर गवई और सूर्य कांत राव को पदोन्नति दी गई है। यह निर्णय न्यायमूर्ति एसए बोबडे की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की समिति का सीजेआई को यौन आरोपों में क्लीन चिट देने के बाद आया है।ये आरोप सीजेआई के साथ काम करने वाली एक महिला कर्मचारी ने लगाया था।
ऐसा माना जाता है कि न्यायमूर्ति गवई न्यायमूर्ति बोबडे के काफ़ी क़रीब हैं जबकि न्यायमूर्ति सूर्य कांत ख़ुद सीजेआई के क़रीब हैं। पारस्परिकता यहाँ पूरी तरह हावी है।"
दूसरा, न्यायमूर्ति गवई ने एसबी शुकरे के साथ 27 नवंबर 2017 को इंडियन एक्सप्रेस अख़बार को इंटर्व्यू दिया जो कि जज बीएच लोया के संदिग्ध मौत से जुड़ा था जो कि सोहराबुद्दीन फ़र्ज़ी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे थे।
"हमने पाया है कि दवे और 3-4 जज सुप्रीम कोर्ट या कॉलेजियम के हर निर्णय को सीजेआई के ख़िलाफ़ दायर फ़र्ज़ी मामलों से जोड़कर देखते हैं।
बार इस तरह की बातों को पसंद नहीं करता है और उसका स्पष्ट मानना है कि ये मुट्ठी भर वक़ील अपने निहित स्वार्थ के लिए संस्थान का नाम बदनाम करने पर आमादा हैं।"
बीसीआई ने संबंधित बार के साथ सलाह मशविरा के बाद ही इस बयान को जारी किया है।