रामजन्मभूमि- बाबरी मस्जिद विवाद : निर्मोही अखाड़ा ने सुप्रीम कोर्ट से मध्यस्थता की प्रक्रिया में संशोधन की मांग की
Live Law Hindi
26 March 2019 10:32 AM IST
रामजन्मभूमि- बाबरी मस्जिद शीर्षक मामले में मध्यस्थता की प्रक्रिया को बदलने को लेकर मामले के एक पक्षकार निर्मोही अखाड़ा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
इस याचिका में निर्मोही अखाड़ा ने सुप्रीम कोर्ट से मध्यस्थता के आदेश में संशोधन करने का अनुरोध किया है। अपनी अर्जी में अखाड़ा ने कहा है कि मध्यस्थता के लिए इतने पक्षकारों को आमंत्रित करने की जरूरत नहीं है। इस मामले को अखाड़ा और सुन्नी वक्फ बोर्ड के बीच ही बातचीत कर सुलझाया जा सकता है। अखाड़ा का दावा है कि रामलला और हिंदुओं की भावनाओं को लेकर सुन्नी वक्फ बोर्ड से वो बातचीत करने में सक्षम है।
इसके अलावा अर्जी में यह मांग भी की गई है कि फैजाबाद में चल रही मध्यस्थता से कोई फायदा नहीं होगा। इसे दिल्ली जैसी किसी तटस्थ जगह पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के 3 सेवानिवृत जजों को मध्यस्थता के लिए नियुक्त किया जाना चाहिए।
अयोध्या विवाद मध्यस्थता उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले में शुरु हो चुकी है जिसमें सभी पक्षों को बुलाया जा रहा है।
पीठ ने इससे पहले कहा कि इसे "अत्यंत गोपनीयता" के साथ आयोजित किया जाएगा। अदालत ने आदेश दिया कि मध्यस्थता की प्रक्रिया पर प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक में कोई रिपोर्टिंग नहीं होगी। मध्यस्थता के लिए दिया गया समय 8 सप्ताह का है लेकिन अदालत ने मध्यस्थों से "जल्द से जल्द निष्कर्ष निकालने" का आग्रह किया। मध्यस्थों को 4 सप्ताह में अदालत में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करनी होगी।
अदालत ने यह कहा है कि अयोध्या विवाद मध्यस्थ, यदि आवश्यक हो तो पैनल में अधिक सदस्य शामिल कर सकते हैं और उनके लिए आवश्यक कानूनी सहायता ले सकते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार मध्यस्थों को फैजाबाद में सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करेगी। मध्यस्थता इन कैमरा आयोजित की जाएगी।
इस प्रावधान के अनुसार यदि पक्षकार किसी समझौते पर पहुंचते हैं तो सुप्रीम कोर्ट इस तरह के समझौते को दर्ज करने का आदेश दे सकता है और पक्षकारों के बीच तय प्रस्ताव को स्वीकार करने वाली डिक्री पारित कर सकता है।