सुप्रीम कोर्ट ने शारदा चिट फंड घोटाले की निगरानी की मांग वाली याचिका खारिज की

Live Law Hindi

11 Feb 2019 10:07 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट ने शारदा चिट फंड घोटाले की निगरानी की मांग वाली याचिका खारिज की

    सुप्रीम कोर्ट ने चर्चित शारदा चिट फंड घोटाले की जांच कोर्ट की निगरानी में कराने की याचिका को खारिज कर दिया है।

    वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने सोमवार को मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ का ध्यान 9 मई, 2014 के सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले की ओर दिलाया जिसमें घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी और तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश टी. एस. ठाकुर ने घोटाले की जांच की प्रगति की निगरानी करने के लिए एक टीम के गठन पर तुरंत विचार करना आवश्यक नहीं समझा था। हालांकि उन्होंने भविष्य के लिए उस विकल्प को खुला छोड़ने की कवायद की थी।

    याचिकाकर्ता निवेशकों की ओर से पेश विकास सिंह ने कहा, "उन्होंने (तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश) इस विकल्प को भविष्य के लिए खुला छोड़ दिया था। पीठ ने इस आदेश को संशोधित नहीं किया है ... 2014 के आदेश के अनुसार, सीबीआई को सभी 500 मामले दिए गए हैं और अब इसकी एक समग्र तस्वीर सामने आ रही है। कई कंपनियों में यह घोटाला सालों से चल रहा है और अभी भी जारी है। सेबी अधिकारियों की जांच की जानी चाहिए, लेकिन इस तरह का कुछ भी नहीं किया गया है ... मामले में कुछ निगरानी इस अदालत द्वारा की जानी चाहिए ... हम लाखों निवेशक हैं, हमारे पास जाने के लिए कोई जगह नहीं है।"

    हालांकि पीठ ने कहा कि वो ऐसे किसी भी आदेश को पारित करने के लिए इच्छुक नहीं है। इस पर वरिष्ठ वकील ने उसी प्रार्थना के साथ उच्च न्यायालय में अर्जी दाखिल करने की अनुमति मांगी।

    गौरतलब है कि पिछले हफ्ते सीबीआई अधिकारियों को कोलकाता पुलिस ने उस समय हिरासत में ले लिया था जब वो घोटाले के सिलसिले में पूछताछ करने के लिए कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के घर पहुंचे थे। इसके पश्च्यात, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी धरने पर भी बैठ गयी थी।

    इसके चलते पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा जांच में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। पीठ ने तब कुमार को एक तटस्थ स्थान, शिलांग में सीबीआई के समक्ष उपस्थित होकर उक्त मामले की जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था। सीबीआई को कुमार के खिलाफ गिरफ्तारी सहित कोई भी कठोर कदम उठाने से रोक दिया गया था।

    Next Story