अब महिलाएँ बिना किसी समय सीमा के खदानों में भी काम कर सकती हैं

LiveLaw News Network

7 Feb 2019 3:30 AM GMT

  • अब महिलाएँ बिना किसी समय सीमा के खदानों में भी काम कर सकती हैं

    श्रम मंत्रालय ने देश भर में महिलाओं के खदान में काम करने पर लगी पाबंदी और समय संबंधी रोक को भी हटा दिया है।

    खदान अधिनियम, 1952 की धारा 83 की उपधारा-1 के तहत मिले अधिकारों के तहत श्रम मंत्रालय ने उन नियमों को अधिसूचित किया है जो देशभर के खदानों में महिलाओं को काम पर रखने की अनुमति देता है। नवीनतम अधिसूचना के अनुसार, महिलाएँ खदान में अब नौकरी के लिए आवेदन कर सकती हैं और वह भी बिना समय के किसी प्रतिबंध के। इसके पहले इस अधिनियम की धारा 46 के तहत महिलाओं को किसी भी खदान में ज़मीन के नीचे और ज़मीन के ऊपर 6 बजे सुबह से शाम के 7 बजे तक ही काम करने की अनुमति थी।

    इस अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि ज़मीन के ऊपर मौजूद खदान में काम करने वाली किसी भी महिला को उसके नौकरी के एक चक्र के समाप्त होने और दूसरे चक्र के शुरू होने के बीच 11 घंटे का अवकाश होना चाहिए।

    इस अधिसूचना के अनुसार, महिला को सात बजे शाम से छह बजे सुबह के बीच खुली खदान सहित ज़मीन से ऊपर मौजूद खदान में अब नौकरी पर रखा जा सकता है। लेकिन इसके लिए उसकी पूर्व सहमति लेनी होगी। खदान मालिक की यह ज़िम्मेदारी होगी कि वह खान में काम करने वाले महिलाओं को पेश से संबंधित सुरक्षा और स्वास्थ्य सुरक्षा मुहैया कराएगा।

    खदान के मुख्य निरीक्षक को यह अधिकार दिया गया कि वह महिलाओं को काम पर लगाने के बारे में स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर का निर्धारण करेगा।

    खदान का मालिक महिलाओं को ज़मीन के नीचे स्थित खदान में 6 बजे सुबह से 7 बजे शाम के बीच तकनीकी, निरीक्षण और प्रबंधकीय कार्यों में लगा सकता है जहाँ पर महिलाओं की हमेशा उपस्थिति की ज़रूरत नहीं होती है।

    श्रम और रोज़गार मंत्रालय, ने गृह मंत्रालय, महिला और बाल विकास, खान मंत्रालय, कोयला मंत्रालय और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के परामर्श से खान अधिनियम 1952 की धारा 12 के तहत गठित समिति के सुझावों पर गजट अधिसूचना नम्बर 393 के द्वारा ऐसा किया है।

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