अग्निपथ योजना क्या है? पीआईएल क्यों दाखिल की गई? जानिए एक्सपर्ट की राय (वीडियो)

Update: 2022-06-24 14:56 GMT

केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना पर इन दिनों बहुत विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। भारतीय सेना में भर्ती प्रक्रिया को लेकर लाई गई अग्निपथ योजना की देश के कई भागों में आलोचना हो रही है और सुप्रीम कोर्ट में इस योजना पर रोक लागाने के लिए कई जनहित याचिकाएं (पीआईएल) दाखिल की गई हैं।

एक जनहित याचिका में सशस्त्र बलों के लिए अग्निपथ भर्ती योजना की तर्कसंगतता की जांच करने के लिए एक सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति के गठन की भी मांग की गई है।

एक अन्य याचिका में कहा गया है कि सशस्त्र बलों में स्थायी कमीशन प्रविष्टि के माध्यम से चयनित होने वाले अधिकारी के पास 60 वर्ष की आयु तक राष्ट्र की सेवा करने का विकल्प होता है; शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) में एक अधिकारी के पास सेना में शामिल होने और 10/14 वर्षों की अवधि के लिए एक कमीशन अधिकारी के रूप में सेवा करने का विकल्प होता है। हालांकि, "अग्निपथ" योजना के माध्यम से भर्ती किए गए "अग्निपथ" में से केवल 25% को ही बलों में रखा जाएगा और बाकी 75% को सेवा से बाहर कर दिया जाएगा।

लाइव लॉ रिपोर्टर चारू सिंह ने इस मुद्दे को बेहतर तरीके से समझने के लिए एक्सपर्ट से बात की। देखिए इसी बातचीत का वीडियो।

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