केरल हाईकोर्ट का ऑनलाइन क्लासेस पर रोक लगाने से इनकार, अर्ज़ी खंडपीठ को सौंपी

Update: 2020-06-06 02:45 GMT

केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने केरल में ऑनलाइन क्लासेस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।

एक पेरेंट ने हाईकोर्ट में अर्ज़ी देकर सरकार और केरल इंफ़्रास्ट्रक्चर एंड टेक्नोलोजी फ़ॉर एजुकेशन (केआईटीई) को ऑनलाइन क्लासेस चलाने पर तब तक रोक लगाने का निर्देश देने की मांग की थी, जब तक कि राज्य के सभी स्कूलों में इस तरह की तकनीकी सुविधा उपलब्ध नहीं करा दी जाती।

यह याचिका सीसी गिरिजा ने दायर की, जिनके दो बच्चे हैं। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि दूर दराज के छात्र और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के साथ यह भेदभाव है क्योंकि उन्हें ऑनलाइन क्लास तक पहुंच बनाने के लिए उपयुक्त सुविधाएं नहीं दी गई हैं, इसलिए इन क्लास को तब तक के लिए स्थगित कर दिया जाए जब तक कि सभी छात्रों को यह सुविधा नहीं मुहैया करा दी जाती।

इस याचिका पर सुनवाई न्यायमूर्ति सीएस डीयास ने वीडियो कंफ्रेंसिंग से की। सरकार ने अपने वक़ील के माध्यम से कहा कि नियमित रूप से ऑनलाइन क्लास शुरू होने से पहले सभी छात्रों को ये सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। सरकार को उम्मीद है कि ये क्लास 14.6.2020 से शुरू हो जाएंगी।

सरकार ने कहा कि ऑनलाइन क्लास इसलिए शुरू की गई हैं, ताकि महामारी के कारण लॉकडाउन होने की वजह से छात्रों का क्लास मिस न हों। फिर, ऑनलाइन क्लास डाउनलोड वाले फ़ॉर्मैट में होता है जिन्हें इकट्ठाकर उन छात्रों को दिखाया जा सकता है, जो क्लास से अनुपस्थित रहे हैं।

अदालत ने इन दलीलों पर ग़ौर किया और कहा कि उसे नहीं लगता कि अभी किसी भी तरह के अंतरिम आदेश की ज़रूरत है।

अदालत ने कहा कि इसी तरह की राहत की मांग वाली एक याचिका को एक खंडपीठ को सौंपी गई है, इसलिए इस याचिका को भी उस खंडपीठ को भेजा जा रहा है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि कोर्ट ने एक स्कूल को ऑनलाइन क्लास चलाने के बदले छात्रों से अतिरिक्त फ़ीस लेने से रोक दिया था।

आदेश की प्रति डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें  



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