सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को 'वन रैंक वन पेंशन' योजना के तहत बकाया राशि 15 मार्च तक भुगताने करने का निर्देश दिया
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की पीठ ने केंद्र सरकार से 15 मार्च 2023 तक सशस्त्र बलों के पात्र पेंशनरों को बकाया राशि का भुगतान करने को कहा।
शुरुआत में, भारत के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमानी ने प्रस्तुत किया कि बकाया राशि का भुगतान शीघ्र ही कर दिया जाएगा।
एजी ने आश्वासन दिया कि वह व्यक्तिगत रूप से मामले की निगरानी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कुल 25 लाख पेंशनभोगी हैं, जिनकी पेंशन सारणी अंतिम समीक्षा के लिए मंत्रालय के पास आई थी और वर्तमान में रक्षा मंत्रालय के फाइनेंस अकाउंट के पास है।
इंडियन एक्स सर्विसमैन मूवमेंट समेत याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट हुजेफा अहमदी ने पीठ को अवगत कराया कि लगभग 4 लाख पेंशनभोगी पेंशन का इंतजार करते हुए पहले ही मर चुके हैं। पिछली सुनवाई में उन्होंने कहा था कि बकाया का भुगतान 01.07.2019 तक किया जाना था, जिसका पालन करने में केंद्र सरकार विफल रही है। इसके बाद, 16.03.2022 के अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को 3 महीने के भीतर बकाया राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया था। 17 सितंबर, 2022 को कोर्ट ने केंद्र को 3 महीने का और समय दिया।
सीजेआई ने इस बात को ध्यान में रखते हुए कि पेंशन 2019 से लंबित है, AG से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि 15 मार्च 2023 तक अदालत के आदेशों का अनुपालन किया जाए।
अदालत ने 16.03.2022 के अपने फैसले में केंद्र सरकार को दी गई तीन महीने की अवधि बढ़ा दी थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने रक्षा बलों में "वन रैंक वन पेंशन" योजना को बरकरार रखा था।
ओआरओपी योजना के अनुसार, सेवा की समान अवधि के साथ समान रैंक में सेवानिवृत्त होने वाले सशस्त्र सेवा कर्मियों को समान पेंशन का भुगतान किया जाना है, चाहे सेवानिवृत्ति की तिथि कुछ भी हो और पेंशन की दरों को आवधिक अंतराल पर संशोधित किया जाएगा।
बेंच को उम्मीद है कि बकाया का भुगतान जल्द से जल्द किया जाएगा। सीजेआई ने चंद्रचूड़ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल वेंकटरमणन से इस पर ध्यान देने को कहा।
[केस टाइटल: भारतीय पूर्व सैनिक आंदोलन और अन्य बनाम भारत सरकार MA 1590/2022 इन W.P.(C) संख्या 419/2016 ]