आम चुनाव 2024: केरल हाईकोर्ट में दायर याचिका में अट्टिंगल निर्वाचन क्षेत्र की अंतिम मतदाता सूची में दोहरी प्रविष्टियों का आरोप

LiveLaw News Network

16 April 2024 4:47 PM GMT

  • आम चुनाव 2024: केरल हाईकोर्ट में दायर याचिका में अट्टिंगल निर्वाचन क्षेत्र की अंतिम मतदाता सूची में दोहरी प्रविष्टियों का आरोप

    केरल हाईकोर्ट के समक्ष लोकसभा चुनावों से पहले सांसद अडूर प्रकाश की ओर से एक याचिका दायर की गई है, जिसमें अट्टिंगल संसदीय क्षेत्र में अंतिम मतदाता सूची में दोहरी प्रविष्टियों का आरोप लगाया गया है। याचिका में मतदाता सूची में दोहरी प्रविष्टियों की पहचान करने और उन्हें हटाने के लिए प्रौद्योगिकी तैनात करने का अनुरोध किया गया है।

    जस्टिस शोबा अन्नम्मा ईपेन ने मंगलवार को सांसद के मुख्य चुनाव अभिकर्ता की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की। सांसद अडूर प्रकाश 26.04.2024 को होने वाले मतदान में अट्ट‌िंगल संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस-आई के उम्मीदवार हैं।

    याचिकाकर्ता ने कहा है कि अट्टिंगल संसदीय क्षेत्र में तैयार की गई अंतिम मतदाता सूची में 13,93,134 मतदाताओं में से 1,61,237 दोहरी प्रविष्टियां हैं। याचिकाकर्ता ने कहा कि पीपुल्स ऑफ रिप्रेजेंटेशन एक्ट की धारा 18 में विशेष रूप से कहा गया है कि “किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति को एक से अधिक बार पंजीकृत नहीं किया जाएगा। कोई भी व्यक्ति किसी भी निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदाता सूची में एक से अधिक बार पंजीकृत होने का हकदार नहीं होगा।"

    याचिका में सॉफ़्टवेयर के माध्यम से दोहरी प्रविष्टियों की पहचान करने के लिए परमादेश रिट जारी करने की मांग की गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दोहरी प्रविष्टि वाले मतदाताओं को एक से अधिक स्थानों पर वोट डालने की अनुमति ना हो, जैसा कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत अनिवार्य है।

    याचिकाकर्ता का कहना है कि उन्होंने चुनाव आयोग, मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष इस संबंध में शिकायतें की थीं और उन्हें निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी सहित अधिकारियों के ध्यान में लाया गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि आरटीआई अधिनियम के तहत एक उत्तर में दोहरी प्रविष्टियों की मौजूदगी की पुष्टि हुई थी।

    याचिका में तर्क दिया गया कि यद्यपि चुनाव आयोग चुनावों के लिए मतदाता सूची की तैयारी और अंतिम रूप देने के लिए जिम्मेदार है, लेकिन अक्सर ऐसा होता है कि राज्य सरकार के कर्मचारियों को मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया में स्वतंत्र रूप से ड्यूटी पर तैनात किया जाता है।

    याचिका में आरोप लगाया गया है कि अधिकारी अपनी राजनीतिक संबद्धता के कारण पक्षपाती हो गए हैं, जिससे निष्पक्ष चुनाव की अवधारणा को विफल हो रही है। इन अधिकारियों के स्‍थान पर केंद्र सरकार के अधिकारियों को नियुक्त करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

    कोर्ट ने वकील को निर्देश प्राप्त करने का निर्देश दिया है और मामले को 19 अप्रैल के लिए पोस्ट किया गया है

    केस टाइटलः वर्कला कहार बनाम भारत निर्वाचन आयोग और अन्य।

    केस नंबर: WP(C) नंबर 16024 ऑफ़ 2024

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