गुवाहाटी हाइकोर्ट ने पेटा के प्रतिनिधित्व पर अनधिकृत भैंस लड़ाई को रोकने के लिए नगांव जिला प्रशासन को प्रभावी कदम उठाने का निर्देश दिया

Amir Ahmad

5 Feb 2024 10:53 AM GMT

  • गुवाहाटी हाइकोर्ट ने पेटा के प्रतिनिधित्व पर अनधिकृत भैंस लड़ाई को रोकने के लिए नगांव जिला प्रशासन को प्रभावी कदम उठाने का निर्देश दिया

    गुवाहाटी हाइकोर्ट ने हाल ही में राज्य सरकार को भैंसों की लड़ाई (मोह-जुज) की घटना को रोकने की मांग करने वाले प्रतिनिधित्व पर गौर करने का निर्देश दिया, जो 04 फरवरी को असम के हाथीगढ़ में आयोजित होने वाली थी।

    पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) इंडिया द्वारा दायर रिट याचिका में असम सरकार द्वारा जारी 27 दिसंबर 2023 की अधिसूचना को चुनौती दी गई। इसके द्वारा उसने एक वर्ष के विशिष्ट समय में भैंस की लड़ाई को पूरा करने की, जो कि माघ बिहू के अगले दस दिन (अर्थात् 15 से 25 जनवरी तक) अनुमति दी थी।

    जस्टिस मनीष चौधरी की पीठ 4 फरवरी की घटना को चुनौती देने वाले अंतरिम आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया कि उक्त अधिसूचना में निर्धारित दिशानिर्देशों के बावजूद, जो केवल 15 जनवरी से 25 जनवरी की अवधि के दौरान भैंस लड़ाई [मोह-जुज] की अनुमति देता है। इस अवधि के बाद भी राज्य के विभिन्न भागों में भैंसों की लड़ाई [मोह-जुज] के वर्ष भर आयोजन होते पाए जाते हैं।

    पेटा ने तर्क दिया कि 27 दिसंबर 2023 की अधिसूचना की वैधता को चुनौती के बावजूद और यह मानते हुए कि उक्त अधिसूचना में निर्धारित दिशानिर्देशों को वैध माना जाता है, फिर भी भैंस की लड़ाई की ऐसी घटना [मोहजूज] जो 04 फरवरी 2024 को हाथीगढ़ में किया जा रहा आयोजन अवैध होगा।

    पशु कल्याण संगठन ने उत्तरदाताओं को दिशानिर्देशों के संदर्भ में संबंधित आयोजकों को 04 फरवरी, 2024 को भैंस की लड़ाई [मोह-जुज] आयोजित करने से रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने का निर्देश देने की प्रार्थना की।

    सहमत होते हुए न्यायालय ने कहा,

    “याचिकाकर्ता को भैंस की लड़ाई [मोह-जुज] के आयोजन के ऐसे तथ्य संबंधित जिला प्रशासन, यानी उपायुक्त,नागांव के समक्ष कल यानि 02.02.2024 तक अभ्यावेदन के माध्यम से लाने चाहिए। उक्त अभ्यावेदन में आवेदक-याचिकाकर्ता भैंस लड़ाई [मोह-जूज] की घटना [जैसे स्थान, समय, तिथि, आदि] के विवरण का उल्लेख करेगा, जिससे जिला प्रशासन कोई प्रभावी कदम उठा सके। यदि याचिकाकर्ता द्वारा कल तक ऐसा कोई अभ्यावेदन दायर किया जाता है तो जिला प्रशासन, नागांव इसकी जांच करने के लिए कदम उठाएगा और जांच करने पर यह पाया जाएगा कि भैंसों की लड़ाई का कोई आयोजन 04- 02-2024 को किया जा रहा है, जैसा कि याचिकाकर्ता ने दावा किया, ऐसी भैंस लड़ाई की रोकथाम के लिए दिशानिर्देश दिनांक 27-12-2023 के संदर्भ में प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए।”

    मामला 6 फरवरी को फिर से सूचीबद्ध किया गया।

    Next Story