कथित फर्जी सांप्रदायिक वीडियो पोस्ट करने के लिए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ शिकायत पर कार्रवाई की जाए: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

Shahadat

25 April 2024 6:21 AM GMT

  • कथित फर्जी सांप्रदायिक वीडियो पोस्ट करने के लिए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ शिकायत पर कार्रवाई की जाए: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

    मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने हाल ही में कांग्रेस प्रवक्ता अमीनुल खान सूरी द्वारा बीजेपी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ की गई शिकायत पर तिलकनगर पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उक्त शिकायत विजयवर्गीय द्वारा कथित तौर पर अप्रैल 2022 में रामनवमी जुलूस के दौरान खरगोन में हुए सांप्रदायिक दंगों को भड़काने के लिए एक्स (पहले ट्विटर) पर झूठा वीडियो साझा करने से संबंधित है।

    जस्टिस प्रणय वर्मा की सिंगल जज बेंच ने पुलिस को निर्देश दिया कि 90 दिनों की अवधि के भीतर सूरी की शिकायत पर विचार कर उचित कार्रवाई की जाए। पुलिस को जांच के बाद शिकायत के नतीजे के बारे में शिकायतकर्ता को विधिवत सूचित करना भी आवश्यक है।

    कोर्ट ने कहा,

    "याचिकाकर्ता को निर्देश दिया जाता है कि वह आज से 7 दिनों की अवधि के भीतर 16/4/2022 को उसके द्वारा शिकायत दर्ज करने के संबंध में स्टेशन हाउस ऑफिसर पुलिस स्टेशन तिलक नगर, जिला इंदौर के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत करे।"

    इंदौर में इसे शिकायत पर विचार करने के लिए एक पूर्व शर्त के रूप में जोड़ा गया।

    राजेंद्र सिंह पवार और अन्य बनाम म.प्र. राज्य एवं अन्य (2021) पर भरोसा करते हुए अदालत ने दोहराया कि शिकायत की जांच करने और प्रारंभिक जांच करने की प्रक्रिया में संबंधित पुलिस अधिकारी द्वारा आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए। पुलिस अधिकारियों को प्राप्त शिकायतों पर 15 दिनों के भीतर कार्रवाई करनी होगी। यदि अधिकारी ऐसा करने में असमर्थ हैं तो उनसे शिकायत प्राप्त होने के बाद अधिकतम 42 दिनों की अवधि के भीतर शिकायत पर कार्रवाई करने की अपेक्षा की जाती है।

    जस्टिस विशाल धगट की एकल न्यायाधीश पीठ ने 2021 में कहा था,

    "यदि शिकायतें 42 दिनों से अधिक समय तक लंबित रहती हैं तो पुलिस अधीक्षक दोषी पुलिस अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करेंगे।"

    उपरोक्त कारणों का हवाला देने के बाद अदालत ने रिट याचिका का निपटारा कर दिया।

    केस टाइटल: डॉ. अमीनुल खान सूरी बनाम मध्य प्रदेश राज्य, प्रमुख सचिव गृह विभाग एवं अन्य के माध्यम से।

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