धार्मिक स्थलों पर महिलाओं से यौन उत्पीड़न के लिए विशाखा गाइडलाइन लागू कराने संबंधी PIL सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की

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22 July 2019 9:15 AM GMT

  • धार्मिक स्थलों पर महिलाओं से यौन उत्पीड़न के लिए विशाखा गाइडलाइन लागू कराने संबंधी PIL सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें यह मांग की गई थी कि देशभर के आश्रमों, मदरसों व कैथोलिक संस्थाओं जैसे धार्मिक स्थलों पर महिलाओं से यौन उत्पीड़न के लिए विशाखा गाइडलाइन लागू करने के निर्देश जारी किए जाएं।

    "दिशानिर्देश को धार्मिक स्थलों तक नहीं बढ़ाया जा सकता"

    याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की पीठ ने यह कहा कि विशाखा गाइडलाइन को धार्मिक स्थलों तक नहीं बढ़ाया जा सकता है। याचिकाकर्ता इसे लेकर संबंधित प्राधिकरण के पास जा सकते हैं।

    याचिका में सामने रखी गई मांग

    वकील मनीष पाठक ने यह याचिका दाखिल की थी और डेरा सच्चा सौदा, आसाराम, अन्य धार्मिक स्थलों में महिलाओं से यौन उत्पीड़न के मामलों का हवाला दिया था याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट में कार्यस्थल पर महिलाओं से यौन उत्पीड़न के लिए विशाखा बनाम राजस्थान राज्य के फैसले में विशाखा गाइडलाइन जारी की थी लेकिन देशभर के आश्रमों, मदरसों व कैथोलिक संस्थाओं में महिलाओं के यौन उत्पीड़न, रेप व छेड़छाड़ के मामलों के लिए कोई नियम नहीं हैं।

    इसमें यह कहा गया कि ऐसे स्थानों पर महिलाओं की शिकायतों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए विशाखा गाइडलाइन को इन जगहों पर भी लागू किया जाना चाहिए। याचिका में यह कहा गया था कि जहां भी धार्मिक शिक्षा दी जाती हो या प्रवचन दिए जाते हों, वहां ये व्यवस्था लागू हो।

    याचिका में यह कहा गया कि ये महिलाओं के संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता), 19(अभिव्यक्ति की आजादी), 21 (जीने के अधिकार) और 25 (धार्मिक स्वतंत्रता ) के अधिकारों के खिलाफ है। याचिका में यह कहा गया था कि केंद्र सरकार को ये निर्देश दिया जाए कि वो देशभर के ऐसे स्थलों के आंकड़े व जानकारी जुटाए और इनके संचालकों की पुरानी पृष्ठभूमि की भी जांच करे।

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