सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई आज शाम 5 बजे होगी पूरी, पीठ ने कहा, सुनवाई पर्याप्त

LiveLaw News Network

16 Oct 2019 6:36 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई आज शाम 5 बजे होगी पूरी, पीठ ने कहा, सुनवाई पर्याप्त

    सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को स्पष्ट किया कि वह अयोध्या में राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में दिन-प्रतिदिन की सुनवाई को यह कहते हुए समाप्त कर देगा कि "यह पर्याप्त है।"

    मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि वह पिछले 39 दिनों से अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुनवाई कर रही है और मामले में सुनवाई समाप्त करने के लिए पार्टियों को आज से अधिक समय नहीं दिया जाएगा।

    आज शाम 5 बजे होगा मामला खत्म

    पीठ ने कहा, "यह मामला आज शाम 5 बजे खत्म हो जाएगा। सुनवाई पर्याप्त है," पीठ में 40 वें दिन कार्यवाही शुरू होने के समय जस्टिस एस ए बोबड़े, डी वाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस ए नज़ीर शामिल हैं।

    दरअसल 37 वें दिन की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा था कि अब ये सुनवाई 18 की बजाए 17 अक्टूबर को पूरी होगी। 14 अक्टूबर को मुस्लिम पक्षकारों की ओर से राजीव धवन बहस पूरी करेंगे । 15-16 अक्टूबर को हिंदू पक्ष दलीलें देगा और 17 अक्टूबर को राहत को लेकर बहस के बाद ये सुनवाई पूरी हो जाएगी।

    फैसला लिखने के लिए मिलेगा चार सप्ताह का समय

    26 सितंबर को सुनवाई शुरू होते ही मुख्य न्यायाधीश गोगोई ने सभी पक्षकारों से कहा था कि इस मामले में दस्तावेजों को देखते हुए अगर फैसला लिखने के लिए जजों की चार हफ्ते का समय मिलता है तो ये एक चमत्कार होगा । उन्होंने कहा था कि अब कुल मिलाकर साढ़े दस दिन की सुनवाई होनी है लिहाजा पक्षकार इतने वक्त में ही सुनवाई पूरी करें क्योंकि 18 अक्टूबर के बाद एक भी अतिरिक्त दिन नहीं मिलेगा।

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    पीठ ने 18 सितंबर को कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि 18 अक्टूबर तक सुनवाई पूरी हो जाएगी। वहीं पीठ ने पक्षकारों को एक बार फिर मध्यस्थता के जरिए समझौता करने की अनुमति दे दी थी । मुख्य न्यायाधीश ने पक्षकारों को कहा था कि सभी पक्षों को मिलकर संयुक्त प्रयास करना होगा कि सुनवाई और दलीलें 18 अक्तूबर तक पूरी हो जाए ताकि जजों को फैसला लिखने में चार सप्ताह का समय मिल जाए। साथ ही पक्षकारों के वकील कोर्ट में सुझाव भी दाखिल करें कि इस मामले में राहत किस तरह दी जा सकती है। दरअसल मुख्य न्यायाधीश गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं इसलिए उन्हें इससे पहले ये फैसला सुनाना होगा।

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