5 साल से अधिक समय तक लीगल फिल्ड से असंबद्ध नौकरी करने वाले लॉ ग्रेजुएट्स को लीगल पेशे में आने के लिए फिर से एआईबीई पास करना होगा: बीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

Brij Nandan

3 Aug 2022 7:25 AM GMT

  • 5 साल से अधिक समय तक लीगल फिल्ड से असंबद्ध नौकरी करने वाले लॉ ग्रेजुएट्स को लीगल पेशे में आने के लिए फिर से एआईबीई पास करना होगा: बीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

    बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने कहा कि लॉ ग्रेजुएट्स जो 5 साल से अधिक समय तक रोजगार में हैं, जिनका लीगल या न्यायिक मामलों से कोई संबंध नहीं है, और कानूनी पेशे में फिर से शामिल होना चाहते हैं, उन्हें फिर से एआईबीई (AIBE) पास करना होगा।

    सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर एक हलफनामे में बीसीआई ने कहा,

    "लॉ ग्रेजुएट्स जो 5 साल से अधिक समय तक रोजगार में हैं, जिनका लीगल या न्यायिक मामलों से कोई संबंध नहीं है, और कानूनी पेशे में फिर से शामिल होना चाहते हैं, उन्हें फिर से एआईबीई (AIBE) पास करना होगा।"

    हालांकि, यह शर्त लोक अभियोजक या ए.पी.पी. या कुछ न्यायिक सेवा या कुछ कॉर्पोरेट या सरकारी कार्यालयों में कानून अधिकारियों की तरह कुछ अन्य सेवा के रूप में शामिल होने वाले उम्मीदवारों पर लागू नहीं होगी।

    वैधानिक निकाय ने कहा कि ऐसे व्यक्ति "अलग-अलग पायदान" पर खड़े होंगे और उन्हें फिर से एआईबीई में उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं होगी।

    यह निर्णय 8 जुलाई को हुई एक बैठक में लिया गया था, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने बीसीआई को निर्देश दिया था कि वह नामांकन के समय वर्तमान रोजगार से इस्तीफा देने की अपनी आवश्यकता और ऐसे उम्मीदवारों की कठिनाइयों को संतुलित करने पर विचार करे, जो एआईबीई से पहले ही अपनी नौकरी छोड़ने से आशंकित हैं।

    गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बीसीआई की अपील में एमिकस क्यूरी सीनियर एडवोकेट केवी विश्वनाथन ने यह सुझाव दिया था। गुजरात हाईकोर्ट ने अपने फैसले में अन्य रोजगार वाले व्यक्तियों को अपनी नौकरी से इस्तीफा दिए बिना एडवोकेट के रूप में नामांकन करने की अनुमति दी थी।

    अपने प्रस्ताव में, बीसीआई ने यह भी कहा कि लॉ ग्रेजुएट को वकील के रूप में अस्थायी नामांकन के साथ अन्य नौकरी की अनुमति दी जा सकती है, अगर वे अंडरटेकिंग दें कि अखिल भारतीय बार परीक्षा (AIBE) पास करने के 6 माह के भीतर नौकरी छोड़ देंगे।

    केस टाइटल: बार काउंसिल ऑफ इंडिया बनाम ट्विंकल राहुल मंगोनकर एंड अन्य। सिविल अपील संख्या 816-817 ऑफ 2022

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