DP यादव को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं, जमानत से किया इनकार

LiveLaw News Network

8 Feb 2019 9:55 AM GMT

  • DP यादव को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं, जमानत से किया इनकार

    उम्रकैद में सजायाफ्ता बाहुबली नेता डीपी यादव को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। फिलहाल उन्हें जेल में ही रहना होगा।

    शुक्रवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने डीपी यादव की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उनकी सजा को निलंबित कर उन्हें अंतरिम जमानत देने की मांग की गई थी।

    चीफ जस्टिस ने कहा कि वो यादव को दी गयी सजा को निलंबित नहीं कर सकते और अपील की जल्द सुनवाई कर सकते हैं। पीठ ने ये भी कहा कि जेल में डीपी यादव का ख्याल रखा जा सकता है।

    दरअसल डीपी यादव ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उनकी सर्जरी हुई है और सर्जरी के बाद उन्हें मेडिकल केयर की जरूरत है। वैसे भी उनकी अपील लंबित है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट उनकी सजा को निलंबित करें। उनके द्वारा इस आधार पर कोर्ट से अंतरिम जमानत की मांग की गई। लेकिन पीठ ने इस मांग को ठुकरा दिया।

    आपको बता दें कि इससे पहले 24 अक्तूबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने डीपी यादव को 16 नवंबर को देहरादून जेल में सरेंडर करने के निर्देश दिए थे।

    चीफ जस्टिर रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने इससे पहले सुनवाई के दौरान डॉक्टरों की रिपोर्ट के आधार पर कहा था कि 19 अक्तूबर को यादव की सर्जरी हो चुकी है और 3 नवंबर को अस्पताल से यादव को छुट्टी मिल जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने तब कहा था कि इसके बाद 2 सप्ताह तक वो अपने घर रह सकता है फिर 16 नवंबर को यादव को देहरादून की जेल में, जहां वो सजा काट रहे हैं, सरेंडर करना होगा।

    गौरतलब है कि इस मामले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने डीपी यादव को गाजियाबाद के एक अस्पताल में 19 अक्तूबर को सर्जरी कराने की इजाजत दी थी। पीठ ने अस्पताल से 22 अक्तूबर तक यादव की सर्जरी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था। सुनवाई में कोर्ट ने डॉक्टरों से रिपोर्ट मांगी थी कि वो सर्जरी के लिए फिट हैं या नहीं।

    दरअसल डीपी यादव ने अंतरिम जमानत का वक्त बढाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। यादव ने कहा कि वायरल बुखार होने की वजह से उनकी सर्जरी नहीं हो पाई। लिहाजा उन्हें जमानत के 15 दिन और चाहिए।

    इससे पहले डीपी यादव को 18 सितंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए स्वास्थ्य के आधार पर 15 दिनों के लिए अंतरिम जमानत दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने यह शर्त रखी थी कि निचली अदालत में 1 करोड रुपये और इतने की ही 2 श्योरटी यादव को जमा करानी होगी। निचली अदालत ने डीपी यादव को वर्ष 1992 में गाजियाबाद के विधायक की हत्या की साजिश में दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है और वो देहरादून जेल में बंद सजा काट रहा है।

    Next Story