केंद्र सरकार ने SC को बताया, जम्मू- कश्मीर में हालात सामान्य हो रहे हैं, कुछ दिनों में हट जाएंगे प्रतिबंध

LiveLaw News Network

16 Aug 2019 9:30 AM GMT

  • केंद्र सरकार ने SC को बताया, जम्मू- कश्मीर में हालात सामान्य हो रहे हैं, कुछ दिनों में हट जाएंगे प्रतिबंध

    जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट व संचार माध्यमों को बंद किए जाने और पत्रकारों पर लगी पाबंदी को लेकर दाखिल कश्मीर टाइम्स की एक्जीक्यूटिव एडिटर अनुराधा भसीन की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने यह कहा है कि घाटी में हालात धीरे- धीरे सामान्य हो रहे हैं और कुछ ही दिनों में वहां से तमाम प्रतिबंध हटा लिए जाएंगे।

    केंद्र के आश्वासन के बाद मामले की सुनवाई टली :

    शुक्रवार को केंद्र सरकार के आश्वासन के बाद CJI रंजन गोगोई, जस्टिस एस. ए. बोबडे और जस्टिस एस. अब्दुल नजीर की स्पेशल बेंच ने इस मामले की सुनवाई टाल दी। सुनवाई शुरू होते ही CJI रंजन गोगोई ने कहा कि उन्होंने पेपर में पढ़ा है कि शाम तक लैंडलाइन सेवाएं शुरू हो जाएंगी और फिर आगे बाकी पर तय किया जाएगा।

    AG और SG ने J&K की स्थिति से अदालत को कराया अवगत :

    अटार्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने यह दलील दी कि जम्मू- कश्मीर में हालात पर नजर रखी जा रही है। धीरे- धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं और उसी तरह प्रतिबंध भी हटाए जा रहे हैं। कुछ दिनों में सब सामान्य हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कश्मीर टाइम्स रोजाना जम्मू से छप रहा है। वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने यह कहा कि सुरक्षा एजेंसियां हालात की निगरानी कर रही हैं। कोर्ट को सुरक्षा बलों पर विश्वास करना चाहिए।

    "लोगों को पता होना चाहिए कि इस मामले में क्या चल रहा है"

    वहीं जस्टिस बोबडे ने यह कहा कि कल ही लैंडलाइन पर उनकी बात हुई है तो याचिकाकर्ता की ओर से पेश वृंदा ग्रोवर ने कहा कि कुछ लैंडलाइन चल रही हैं। हालात खराब हैं और पत्रकारों को काम नहीं करने दिया जा रहा है। मीडिया के जरिए लोगों को पता होना चाहिए कि इस मामले में क्या चल रहा है। लेकिन पीठ ने इस संबंध में कोई भी अंतरिम आदेश जारी करने से इनकार कर दिया और सुनवाई को टाल दिया।

    अनुराधा भसीन ने राज्य में पत्रकारों पर लगे प्रतिबंध को दी है अदालत में चुनौती

    दरअसल कश्मीर टाइम्स की एक्जीक्यूटिव एडिटर अनुराधा भसीन ने अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटने के बाद घाटी में कामकाजी पत्रकारों पर लगी पाबंदियों को चुनौती दी है। अनुराधा भसीन ने यह अनुरोध किया है कि अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाए जाने के बाद राज्य में पत्रकारों के कामकाज पर लगाए गए प्रतिबंध हटाए जाने चाहिए। जिस तरह इंटरनेट व संचार माध्यमों पर रोक लगाई गई है वो बोलने व अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार का उल्लंघन है।

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