दो से अधिक बच्चे वालों को कोई राजनीतिक पार्टी चुनाव में टिकट नहीं दे - सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल हुई याचिका

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13 Feb 2019 9:25 AM GMT

  • दो से अधिक बच्चे वालों को कोई राजनीतिक पार्टी चुनाव में टिकट नहीं दे - सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल हुई याचिका

    भाजपा के एक नेता और एडवोकेट ने सुप्रीम में एक जनहित याचिका दायर कर माँग की है कि राजनीतिक पार्टियाँ ऐसे किसी व्यक्ति को चुनाव में टिकट नहीं दे जिनके दो से अधिक बच्चे हैं। जनहित याचिका में यह माँग भी की गई है कि जो बच्चों के होने को सरकारी नौकरी प्राप्त करने में एक आवश्यक शर्त घोषित की जाए।

    यह याचिका बीजेपी प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने दायर की है।

    उपाध्याय ने याचिका में चुनाव आयोग को यह निर्देश दिए जाने की माँग की है की वह राज्य स्तर या राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता देने की शर्तों में पैराग्राफ़ 6A में संशोधन कर यह अतिरिक्त शर्त जोड़े कि वह कोई राजनीतिक पार्टी ऐसे उम्मीदवार को चुनाव मैदान में नहीं उतारेगा जिसके दो बच्चे हैं।

    याचिका में केंद्र को नियह र्देश देने को कहा गया है कि वह जनसंख्या नियंत्रण पर राष्ट्रीय आयोग के सुझावों की समीक्षा करे; और यह घोषित करे कि राज्य सरकारी नौकरियों, सहायताओं, छूटों में दो बच्चों की शर्त को लागू कर सकते हैं और वैधानिक अधिकार जैसे मतदान का अधिकार, संपत्ति का अधिकार, संरक्षण देने का अधिकार और मुफ़्त क़ानूनी मदद देने जैसे अधिकार वापस लिए जा सकते हैं।

    इसके अलावा उसने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि हर रविवार को 'स्वास्थ्य दिवस' घोषित किया जाए ताकि इस दिन जनसंख्या विस्फोट के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाई जा सके और आर्थिक रूप से पिछड़े और बीपीएल परिवारों को गर्भ निरोधक गोलियाँ, कोंडोम, वैक्सीन आदि मुहैया कराया जा सके।

    उपाध्याय ने अपनी याचिका में कहा है कि शादी के लिए 21 वर्ष को महिला और पुरुष दोनों के लिए क़ानूनी उम्र घोषित किया जाए और अगर कोई महिला और पुरुष जिसने अभी 18 वर्ष की आयु नहीं प्राप्त की है, तो उनकी शादी को वैध नहीं माना जाएगा।

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