ताजमहल सरंक्षण : विजन- 2022 की तरह 400 साल का बने विजन डॉक्यूमेंट : सुप्रीम कोर्ट

LiveLaw News Network

8 Dec 2017 12:40 PM GMT

  • ताजमहल सरंक्षण :  विजन- 2022 की तरह 400 साल का बने विजन डॉक्यूमेंट : सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और ताज ट्रैपिज्यम जोन ( TTZ ) अथॉरिटी से कहा है कि वो 400 सालों तक ताज़महल को संरक्षित रखने के लिए विजन डॉक्यूमेंट कोर्ट में दाखिल करे।

    ताज सरंक्षण को लेकर हुई सुनवाई में जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने कहा कि ताजमहल को 15 या 20 साल के लिए नहीं बल्कि 300- 400 साल तक के लिए सुरक्षित करना है। सुप्रीम कोर्ट ने TTZ और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश ASG तुषार मेहता को कहा कि ऐसा विज़न डॉक्यूमेंट बनाया जाए जिससे ताजमहल को कुछ सौ सालों तक सुरक्षित रखा जा सके।

    जस्टिस लोकुर ने कहा कि इस मामले में एडहॉक प्लान से काम नही बनेगा बल्कि सरकार के विजन- 2022 की तरह विजन दस्तावेज की जरूरत है। बेंच ने कहा है कि इसके लिए पर्यावरण, संस्कृति, इतिहास, योजनाकार और सिविल सोसाइटी के लोगों को भी जोडा जाए और उनके सुझावों को शामिल कर दस्तावेज कोर्ट में दाखिल किया जाए।

    गौरतलब है कि 20 नवंबर को  सुप्रीम ने TTZ अथारिटी से पूछा था कि पर्यावरण के अलावा ताजमहल के संरक्षण के लिए क्या विजन प्लान है ? सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए दो हफ्ते का वक्त दिया था। इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि पिछले 15 सालों में ताज़महल के पास प्रदूषण का स्तर समान बना हुआ है और ईमारत पूरी तरह सुरक्षित है। हालांकि PM 10 की मात्रा तय मानक से थोड़ी ज्यादा है। सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने ताजमहल और टीटीजेड के संरक्षण को लेकर अपनी विस्तृत पॉलिसी सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि वह ताजमहल और ताजमहल सरंक्षित क्षेत्र  में पर्यावरण संरक्षण को लेकर गंभीर है।राज्य सरकार ने कहा है कि ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में पर्यटक वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है।  500मीटर के दायरे में सिर्फ वहां के निवासियों के वाहनों को आवाजाही की इजाजत दी गई है।  पूरे ताज सरंक्षित क्षेत्र में 15 साल से पुराने वाहनों पर भी पाबंदी लगाई गई है। सिर्फ सीएनजी वाले ऑटो रिक्शा, स्कूल बस  और व्यावसायिक वाहनों को ही इजाजत है। खाना पकाने  के लिए लकड़ी या कोयला जलाने पर पाबंदी है।क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयों में भी कोयले पर पाबंदी है। आगरा के आसपास का बाईपास निर्माण किया गया है। इलाके के किसानों को जागरूक किया जा रहा है कि वे फसलों के अवशेष को न जलाएं।ताजमहल के आसपास  नियमित रूप से धूल की सफाई की जाती है।हलफनामे में सरकार ने यह भी बताया है कि पूरे क्षेत्र में आठ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट  हैं और चार STP और बनाए जाएंगे जिससे यमुना में गंदगी न जाए। साथ ही विद्युत शवदाहगृह के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है।

    गौरतलब है कि 15 नवंबर को ताजमहल के संरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया था कि जब तक उत्तर प्रदेश सरकार इसे लेकर बनी पॉलिसी को दाखिल नहीं करेगी, वो सुनवाई नहीं करेगा।

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