सुप्रीम कोर्ट से केंद्र को राहत, पश्चिम बंगाल से सुरक्षा बलों की सात कंपनियों को हटाने की इजाजत

LiveLaw News Network

27 Oct 2017 10:41 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट से केंद्र को राहत, पश्चिम बंगाल से सुरक्षा बलों की सात कंपनियों को हटाने की इजाजत

    सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को पश्चिम बंगाल के दार्जलिंग और कालिमपोंग से सुरक्षा बलों की  कंपनियों को हटाने की इजाजत दे दी है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के सुरक्षा बल हटाने पर लगाई रोक के आदेश पर स्टे लगा दिया है।

    केंद्र की अर्जी पर सुनवाई करते हुए चीफ  जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने कहा है कि अब कलकत्ता हाईकोर्ट मामले की सुनवाई नहीं करेगा। वहीं कोर्ट ने इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है।

    चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि अंतरिम आदेश के तहत केंद्र  केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की सात कंपनियों को हटा सकता है लेकिन आठ कंपनियां वहीं रहेंगी। कोर्ट ने कहा कि मामले की 27 नवंबर को सुनवाई करेगा। कोर्ट ये देखेगा कि ऐसे मामलों में कोर्ट क्या दखल दे सकता है ? अगर नागरिकों के लिए दखल दे सकता है तो किस हद तक ? चीफ जस्टिस ने कहा कि लोगों को हिंसा रोकनी चाहिए।

    सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश ASG मनिंदर सिंह ने कहा कि कोर्ट को ऐसे मामलों की सुनवाई नहीं करनी चाहिए जिनमें सुरक्षा बलों की तैनाती का मामला शामिल हो। केंद्र सरकार भी वहां के हालात को लेकर चिंतित है।

    वहीं ममता सरकार की ओर से पेश राकेश द्विवेदी ने केंद्र सरकार की अर्जी का विरोध किया और कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था के लिए सुरक्षा बल नहीं हटाया जाना चाहिए।

    दरअसल केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी जिसमें  पश्चिम बंगाल के दार्जलिंग और कालिमपोंग से सुरक्षा बलों की सात कंपनियों को हटाने पर 27 अक्तूबर तक रोक लगा दी गई थी। केंद्र सरकार ने हालात को देखते हुए 15 में से सात कंपनियों को हटाने का फैसला लिया था।

    इससे पहले राज्य सरकार ने केंद्र को 25 दिसंबर तक बलों को ना हटाने को कहा था। लेकिन केंद्र के इंकार के बाद राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

    केंद्र का कहना है कि चुनाव आयोग ने भी गुजरात व हिमाचल प्रदेश में चुनाव के लिए सुरक्षा बलों की मांग की है। केंद्र को फिलहाल इस बल को बर्मा की सीमा से लगते राज्यों में तैनात करना है।

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