कंचा इलैया की पुस्तक पर प्रतिबंध लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
LiveLaw News Network
17 Oct 2017 11:57 AM IST
सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक बहुत महत्त्वपूर्ण फैसले में प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक कंचा इलैया की पुस्तक पर प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने चेतावनी दी कि वह किसी लेखक के बोलने और अभिव्यक्ति के अधिकार पर पाबंदी लगाने की मांग को हल्के में नहीं लेगा।
आर्य-वैश्य संगठन ने इलैया की पुस्तक “Post – Hindu India” पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए एक याचिका दाखिल की थी।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्र, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड की पीठ ने अधिवक्ता केएलएनवी वीरंजनेयुलू की याचिका खारिज कर दी जिसमें उन्होंने उनकी पुस्तक “Post – Hindu India” के एक अध्याय “सामाजिक स्मगलुरलु कोमातोल्लू (वैश्य स्मगलर हैं) पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।
पीठ ने अपने फैसले में कहा, “...यह कहना पर्याप्त है कि जब कोई लेखक पुस्तक लिखता है तो यह उसके अभिव्यक्ति के अधिकार के अंतर्गत आता है। हमें नहीं लगता कि संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत इस न्यायालय को इस पुस्तक पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।”
याचिकाकर्ता आर्य वैश्य ऑफीसिअल्स प्रोफेसनल्स एसोसिएशन का सदयस्य है और उसका आरोप है कि लेखक कंचा इलैया ने अपनी पुस्तक में एक जाति विशेष के खिलाफ “निराधार” आरोप लगाए हैं। इस संगठन ने अपनी याचिका में कहा कि इससे आर्य वैश्य समुदाय की भावना आहत हुई है।
याचिकाकर्ता केएलएनवी वीरंजनेयुलू ने यह भी जानकारी दी कि लेखक इलैया के खिलाफ एक आपराधिक मामला भी दर्ज किया गया है।