जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन एक्ट की धारा 21 रजिस्ट्रार को माता-पिता और बच्चे को DNA टेस्ट के लिए बाध्य करने के लिए अधिकृत नहीं करती: केरल हाइकोर्ट

Amir Ahmad

14 Feb 2024 12:57 PM IST

  • जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन एक्ट की धारा 21 रजिस्ट्रार को माता-पिता और बच्चे को DNA टेस्ट के लिए बाध्य करने के लिए अधिकृत नहीं करती: केरल हाइकोर्ट

    केरल हाइकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 (Registration of Births and Deaths Act, 1969) की धारा 21 के तहत जन्म या मृत्यु के बारे में जानकारी मांगने की रजिस्ट्रार की शक्ति नवजात शिशु और उसके माता-पिता के DNA टेस्ट का आदेश देने तक विस्तारित नहीं होती है।

    जस्टिस वीजी अरुण ने याचिकाकर्ताओं से जन्मी बच्ची को जन्म प्रमाण पत्र जारी करने से इनकार करने और उन्हें DNA टेस्ट कराकर अपना पितृत्व साबित करने के लिए कहने के लिए चेरनल्लूर ग्राम पंचायत के रजिस्ट्रार की आलोचना की।

    एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा,

    "बेशक एक्ट की धारा 21 रजिस्ट्रार को यह शक्ति प्रदान करती है कि वह किसी भी व्यक्ति को उस इलाके में जन्म या मृत्यु के संबंध में उसकी जानकारी में कोई भी जानकारी देने के लिए कह सकती है, जहां वह व्यक्ति रह रहा है। पुलिस के माध्यम से घूम-घूम कर पूछताछ करना या बच्चे और माता-पिता को DNA टेस्ट कराने के लिए मजबूर करना जानकारी मांगने की यह शक्ति रजिस्ट्रार को अधिकृत नहीं करती है।"

    याचिकाकर्ताओं ने अपने बच्चे के जन्म के बाद बर्थ सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया, लेकिन प्रतिवादी ने कुछ संदेह के कारण बच्चे का DNA टेस्ट कराने का निर्देश दिया।

    पीठ ने अधिनियम की धारा 12 का उल्लेख किया, जो रजिस्ट्रार को प्रदान की गई जानकारी से संबंधित प्रमाण पत्र जारी करने का आदेश देता है और धारा 23(2), जिसके तहत रजिस्ट्रार को उसके अधिकार क्षेत्र में होने वाले किसी भी जन्म या मृत्यु को बिना उचित कारण के रजिस्टर्ड करने में उपेक्षा या इनकार करने के लिए दंडित किया जा सकता।

    कोर्ट ने कहा कि यह उक्त एक्ट देश में जन्म और मृत्यु के रजिस्ट्रेशन के लिए मजबूत और एकीकृत प्रणाली लागू करने के उद्देश्य से बनाया गया है। इसलिए रजिस्ट्रार उचित कारण के बिना केवल संदेह के आधार पर बर्थ सर्टिफिकेट जारी करने में देरी नहीं कर सकता है।

    याचिकाकर्ताओं के वकील- पीए मुजीब, रेशमा आर, नेजरीन टी इब्राहिम श्रीलक्ष्मी पी सलवा टी मुहम्मद टीए अथिरा और मुहम्मद हाशिर एम

    प्रतिवादियों के वकील- बिमल के नाथ

    केस टाइटल- रोमियो विक्टर और अन्य बनाम चेरानालूर ग्राम पंचायत और अन्य।

    केस नंबर- WP(C) नंबर 447 ऑफ़ 2024

    साइटेशन- लाइवलॉ (केर) 113 2024

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