रिवेंज पोर्न और भारतीय कानून, साइबर क्राइम एवं महिलाओं के विरुद्ध हिंसा- भाग-3

LiveLaw News Network

4 Oct 2019 10:00 AM GMT

  • रिवेंज पोर्न और भारतीय कानून, साइबर क्राइम एवं महिलाओं के विरुद्ध हिंसा- भाग-3

    -चित्रांगदा शर्मा और सुरभि करवा

    21वीं सदी में टेक्नोलॉजी के बढ़ते प्रयोग के साथ रोमांटिक रिलेशनशिप में भी नए आयाम जुड़े हैं। आज रोमांटिक रिलेशनशिप के लिए कई तरह की डेटिंग साइट्स उपलब्ध हैं, जहां आप अपने पार्टनर के साथ इंटरनेट के माध्यम से जुड़े रह सकते हैं और वीडियो, फोटोज आदि शेयर कर सकते है। (यहां पार्टनर का अर्थ पति, बॉयफ्रेंड, दोस्त, डेट आदि हर तरह के अंतरंग सम्बन्ध से है।)

    कई बार अंतरंग फोट, न्यूड फोटोज़ भी पार्टनर एक दूसरे के साथ शेयर करते हैं। यही फोटो रिवेंज पोर्न के रूप में अंतरंग संबंधों में हिंसा का कारण बन सकते हैं जब आपसी रिश्तों में कड़वाहट के कारण ये फोटो दूसरों के साथ शेयर कर दी जाती हैं।

    क्या है रिवेंज पोर्न?

    रिवेंज पोर्न का मतलब है किसी व्यक्ति द्वारा अपने पार्टनर की प्राइवेट फोटो/ अंतरंग फोटो को बिना उसकी सहमति के पब्लिक कर देना ताकि पार्टनर की बदनामी की जा सके, उसे शर्मसार किया जा सके। हालांकि रिवेंज पोर्न शब्द कानूनी रूप से कहीं भी इस्तेमाल नहीं किया गया है और न ही कहीं इसकी कोई निश्चित परिभाषा दी गई है।

    रिवेंज पोर्न कपल के रिश्तों के बीच की कड़वाहट का एक नमूना है, जिसमें एक दूसरे से बदला लेने के लिए कुछ अत्यंत निजी सामग्री को सार्वजनिक किया जाता है। शोध कहते हैं कि हेट्रोसेक्सुअल रिश्तों में अधिकांश महिलाएं ही पुरुषों के हाथों इस एब्यूज का शिकार होती हैं।

    उदाहरण के तौर पर एक पति- पत्नी एक दूसरे के अंतरंग फोटो खींचते हैं और पति उन्हें व्हाट्सप्प पर किसी अन्य को फॉरवर्ड कर देता है, तो यह रिवेंज पोर्न का अपराध होगा। ऐसा अधिकांशत: महिला द्वारा रिश्ते के लिए या किसी अन्य बात से मना कर देने पर पुरुष पार्टनर बदला लेने की नीयत से करते हैं। रिवेंज पोर्न को non-consensual porn, image based pornography आदि भी कहा जाता है।

    पितृसत्ता, रिवेंज पोर्न और महिला की आज़ादी

    रिवेंज पोर्न महिलाओं के विरुद्ध हिंसा है। यह उनके निजता के अधिकार का हनन है। रिवेंज पोर्न के महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर कई प्रभाव पड़ते हैं जैसे चिंता, भय, अनिद्रा, PTSD, डिप्रेशन आदि। कई बार फोटो या वीडियो के साथ साथ साथ पर्सनल डिटेल भी शेयर कर दी जाती हैं तब महिलाएं स्टाकिंग, बलात्कार की धमकी, अनचाहे कॉल, आदि कई तरह की हिंसा झेलती हैं।

    निजी पलों में अपने पार्टनर के साथ अपनी अंतरंग फोटोज़ शेयर करना किसी भी रिश्ते में शारीरिक तौर पर आकर्षण या शारीरिक जरूरतों का हिस्सा है। इसमें कुछ भी अस्वाभाविक नहीं है। दिक्कत है उस सोच की जहां महिलाओं की 'न' को पुरुषोचित अहम का मुद्दा समझा जाता है। अपनी फोटोज़ शेयर करने वाली महिलाओं को 'ज्यादा मॉडर्न' , 'फॉरवर्ड' आदि लेबल लगा कर उन पर हिंसा की जाती है। "उसने अपने फोटो शेयर ही क्यों किए, उसकी खुद की गलती थी" - यह सोच विक्टिम को ही दोष देने के कल्चर का नतीजा है। संक्षेप में पितृसत्ता और महिलाओं पर नियंत्रण की सोच रिवेंज पोर्न के अपराध के लिए जिम्मेदार है।

    रिवेंज पोर्न और कानून

    रिवेंज पोर्न शब्द का प्रयोग या उसकी परिभाषा भारतीय कानून में कही सीधे तौर पर नहीं है और न ही यह मुद्दा किसी कोर्ट केस में आया है लेकिन आईपीसी की धारा 354C के तहत रिवेंज पोर्न के लिए दंड का प्रावधान है।

    आईपीसी की धारा 354C दृश्यरतिकता (VOYEURISM) के अपराध में दंड का प्रावधान करती है। इस अपराध के तहत उन व्यक्तियों को दण्डित किया जाता है जो किसी स्त्री को किसी ऐसी परिस्थिति में देखते है या उसकी फोटो लेते है, जहां वह प्राइवेसी चाहेगी (अर्थात जहां उसके प्राइवेट अंग ढंके न हों, जहां वह स्नान कर रही हो, आदि)।

    उदाहरण के तौर पर किसी मॉल में चेंजिंग रूम में वस्त्र बदलते वक़्त महिलाओं की तस्वीरें किसी गुप्त कैमरा से ली जा रही हों। 2013 से पहले यह धारा कानून का हिस्सा नहीं थी। जस्टिस वर्मा कमेटी के सुझाव पर इसे अधिनियम में जोड़ा गया।

    बिना अनुमति महिला का फोटो शेयर करना अपराध

    इसी धारा का स्पष्टीकरण-2 रिवेंज पोर्न के अपराध को दण्डित करता है. स्पष्टीकरण-2 कहता है कि जहां महिला फोटो/ चित्र खींचने के लिए तो अनुमति दे लेकिन उसे किसी अन्य व्यक्ति के साथ शेयर करना की अनुमति न दे और फिर भी अगर उसकी फोटो शेयर कर दी जाए तो उसे इस धारा के तहत अपराध माना जाएगा।

    अर्थात महिला नेअपने पार्टनर द्वारा अंतरंग/प्राइवेट फोटो खींचने की अनुमति दी लेकिन उसे आगे शेयर करने के अनुमति नहीं दी और उसे शेयर कर दिया गया तो वह अपराध होगा।

    सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत अपराध

    अगर महिला ने स्वयं फोटो खींचकर अपने पार्टनर को टेक्नोलॉजी (जैसे व्हाट्सप्प द्वारा, या किसी डेटिगं साइट पर) का इस्तेमाल करते हुए भेजी तो क्या उसे भी धारा 354C के स्पष्टीकरण-2 के तहत अपराध माना जायेगा? यहां उसकी फोटो पुरुष ने नहीं खींची है। फोटो ने महिला ने स्वयं साझा की है। इस मुद्दे को लेकर धारा 354C की भाषा अस्पष्ट है। ऐसे में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66E के तहत चार्ज किया जा सकता है। इस धारा के तहत किसी व्यक्ति की प्राइवेसी का उल्लंघन करते हुए इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों द्वारा उसकी अंतरंग फोटो को प्रकाशित, प्रेषित करना दंडनीय अपराध माना गया है।

    दरअसल कानून की दृष्टि में रिवेंज पोर्न को एक अलग अपराध नहीं माना गया है, इसीलिए धारा 354C के अलावा धारा 67A, IPC धारा 506, 509, 500 का भी प्रयोग किया जा सकता है। अश्लीलता सम्बंधित धाराओं में भी अभियुक्तों को चार्ज किया जाता है।

    इस तरह हमने पिछले तीन लेखों में महिलाओं के विरुद्ध होने वाले साइबर अपराधों के बारे में जाना।

    क्या है साइबर स्टॉकिंग पर कानून, साइबर क्राइम एवं महिलाओं के विरुद्ध हिंसा- भाग-1

    क्या है ऑनलाइन ट्रोलिंग पर कानून साइबर क्राइम एवं महिलाओं के विरुद्ध हिंसा- भाग-2

    तीनों ही अपराधों के विरुद्ध कोई विशिष्ट धारा नहीं उपलब्ध है परन्तु सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की भाषा विस्तृत होने के कारण इन अपराधों को चार्ज किया जा रहा है। आईपीसी भी 2013 के संशोधन के बाद कुछ अपराधों को दण्डित कर रही है।

    (चित्रांगदा शर्मा और सुरभि करवा राष्ट्रीय विधि विश्विद्यालय, दिल्ली की पूर्व छात्राएं हैं।लेख में प्रोफ. मृणाल सतीश ने मार्गदर्शन किया।)

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