J&K के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला की रिहाई के लिए वाइको ने सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कॉरपस याचिका दाखिल की

LiveLaw News Network

11 Sep 2019 8:23 AM GMT

  • J&K के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला की रिहाई के लिए वाइको ने सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कॉरपस याचिका दाखिल की

    MDMK नेता और तमिलनाडु के राज्यसभा सांसद वाइको ने सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कॉरपस याचिका दायर की है जिसमें नेशनल कांफ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को नजरबंदी से रिहा करने की मांग की गई है।

    याचिका में कहा गया है कि तमिलनाडु के पूर्व सीएम सीएन अन्नादुरई के जन्मदिन के अवसर पर 15 सितंबर को चेन्नई में एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए अब्दुल्ला को निमंत्रण दिया गया था लेकिन केंद्र सरकार जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति हटाने के बाद केंद्र सरकार द्वारा राज्य के राजनीतिक नेताओं को हिरासत में लेने और कर्फ्यू लगाने के बाद 5 अगस्त से वो अनुपलब्ध है।

    याचिका में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष डॉ फारूक अब्दुल्ला को पेश करने और उन्हें स्वतंत्र करने के लिए भारत सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है ताकि वो 15 सितंबर को चेन्नई में होने वाले सम्मेलन में शामिल हो सकें।

    याचिका में कहा गया है कि वाइको ने 28 अगस्त को केंद्र सरकार को पत्र लिखकर अब्दुल्ला को चेन्नई जाने की अनुमति देने की मांग की थी। हालांकि इस पत्र का कोई जवाब नहीं दिया गया है।

    याचिका में दलील दी गई है, "उत्तरदाताओं की कार्रवाई पूरी तरह से अवैध और मनमानी है और जीने और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है। साथ ही ये हिरासत स्वतंत्र भाषण और अभिव्यक्ति के अधिकार के खिलाफ है जो एक लोकतांत्रिक राष्ट्र की आधारशिला है।"

    याचिका में जोड़ा गया है, " उत्तरदाताओं ने जम्मू और कश्मीर राज्य में एक 'अघोषित आपातकाल' लगाया है और पिछले एक महीने से पूरे राज्य को तालाबंदी में रखा है और लोकतंत्र को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले राज्य के जनप्रतिनिधियों को गिरफ्तार करके एक झटका दिया है।"

    इससे पहले सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कश्मीर के राजनेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी की रिहाई के लिए याचिका दायर की थी जो कुलगाम निर्वाचन क्षेत्र से चार बार के विधायक रह चुके हैं। 28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने येचुरी को श्रीनगर की यात्रा करने की अनुमति दी थी ताकि वे तारिगामी से मिल सकें। बाद में SC ने इलाज के लिए तरिगामी को श्रीनगर से एम्स दिल्ली स्थानांतरित करने की अनुमति दी थी। विशेष रूप से अदालत ने केंद्र से नेता की हिरासत के आधार के बारे में पूछताछ नहीं की थी।

    वहीं महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने भी अपनी मां से मिलने के लिए श्रीनगर की यात्रा की अनुमति के लिए SC में याचिका दाखिल की थी। 5 सितंबर को अदालत ने उन्हें श्रीनगर की यात्रा करने की अनुमति दे दी।

    इसके अलावा नेशनल कांफ्रेंस के दो नेताओं ने सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है जिसमें संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने के लिए 5 और 6 अगस्त को जारी किए गए राष्ट्रपति के आदेशों को चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इसी तरह के मामलों के साथ इस याचिका को भी संविधान पीठ के पास भेज दिया है जिस पर अक्तूबर के पहले सप्ताह से सुनवाई शुरू होगी।



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