अगस्ता वेस्टलैंड केस में सुप्रीम कोर्ट ने खेतान के वकील से कहा, आप वकील हैं और आपको कानून की रक्षा करनी चाहिए

LiveLaw News Network

12 Sep 2019 10:50 AM GMT

  • अगस्ता वेस्टलैंड केस में सुप्रीम कोर्ट ने खेतान के वकील से कहा,  आप वकील हैं और आपको कानून की रक्षा करनी चाहिए

    अगस्ता वेस्टलैंड VVIP हेलीकॉप्टर घोटाले में आरोपी गौतम खेतान पर बरसते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा, "न्याय को इस तरह से नहीं खरीदा जा सकता है।" खेतान पर काले धन से जुड़े एक मामले में आरोप लगाए गए हैं।

    शीर्ष अदालत ने इस मुद्दे से निपटते हुए कि क्या 2016 के काला धन कानून को आरोपियों को गिरफ्तार करने और जांच करने के लिए जुलाई 2015 से पूर्वव्यापी प्रभाव से लागू करने की अनुमति दी जा सकती है, पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगने पर खेतान को फटकार लगाई।

    खेतान के वकील समय मांग रहे थे

    दरअसल खेतान के वकील दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ केंद्र की अपील का जवाब देने के लिए समय मांग रहे थे, जिसमें कहा गया था कि 2016 के काले धन कानून को जुलाई 2015 से पूर्वव्यापी प्रभाव से लागू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। शीर्ष अदालत ने इसी साल मई में उच्च न्यायालय के 16 मई के आदेश पर रोक लगा दी थी और कहा था कि वह इस मामले की सुनवाई करेगी।

    बुधवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा की पीठ ने खेतान के वकील के उस दृष्टिकोण पर नाराजगी जताई और कहा कि ये देरी करने की रणनीति है और इस मामले की सुनवाई करने वाली पीठ से बचने की कोशिश है।

    पीठ ने कहा, "आपका प्रयास क्या है, हम इसे समझते हैं। हम इसके विपरीत हैं। मत बोलिए। हम उग्र हैं। यह तरीका नहीं है। आप पीठ से बचना चाहते हैं। न्याय में इस तरह देरी नहीं की जा सकती।" पीठ ने कहा, " नासमझी में ऐसा न करें। न्याय को इस तरह नहीं खरीदा जा सकता है।"

    पीठ ने कहा, आप वकील हैं और आपको कानून की रक्षा करनी चाहिए

    वहीं केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि इस मामले में एक महत्वपूर्ण "कानून का सवाल" शामिल है। पीठ ने कहा कि वह 17 सितंबर को मामले की सुनवाई करेगी तो खेतान के वकील ने कहा, "हम अपना जवाब दाखिल करना चाहते हैं ( केंद्र की याचिका पर)। हमें जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दें।"

    खेतान के वकील द्वारा दी गई दलील ने पीठ को और नाराज कर दिया। पीठ ने कहा, "नहीं। इस तरह से नहीं। यह अदालत में व्यवहार करने का तरीका नहीं है। इस अदालत में क्या हो रहा है? इस तरह से नहीं। यह नहीं होना चाहिए।" खुली अदालत में हुआ है। आप बहुत कुछ आपत्तिजनक कर रहे हैं। "

    पीठ ने आगे कहा, "आप वकील हैं और आपको कानून की रक्षा करनी चाहिए। जिस तरह से आपने ये किया है, वह उचित नहीं है।"

    हालांकि खेतान के वकील ने पीठ से माफी मांगी और कहा, "मैं केवल यह अनुरोध कर रहा था कि अदालत में जवाब दाखिल करने के लिए जो भी समय लगे, वह मुझे दें।"

    पीठ ने वकील से 17 सितंबर तक उन्हें अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करने को कहा और मामले को 18 सितंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।सुनवाई के दौरान पीठ ने यह भी कहा कि उच्च न्यायालय का आदेश अनुचित प्रतीत होता है।

    गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने मई में उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी जिसने आयकर विभाग को खेतान के खिलाफ कोई कार्रवाई करने से रोक दिया गया था।उनके खिलाफ काला धन रखने का मामला दर्ज किया गया था।उच्च न्यायालय ने अपने अंतरिम आदेश में 1 जुलाई 2015 से प्रभाव वाले काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) और कर अधिनियम को लागू करने की केंद्र की अधिसूचना पर रोक लगा दी थी।

    काले धन कानून को पूर्वव्यापी प्रभाव से लागू करने पर उच्च न्यायालय ने कहा था कि संसद ने, अपने विवेक से, अधिनियम को अधिनियमित किया था जो 1 अप्रैल, 2016 से लागू होना था और संसद द्वारा स्पष्ट रूप से ये तारीख तय की गई थी। अधिसूचना के माध्यम से इस कानून को पूर्वव्यापी प्रभाव के साथ लागू नहीं किया जा सकता। खेतान अगस्ता वेस्टलैंड VVIP हेलीकॉप्टर घोटाले के आरोपियों में से एक हैं।

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