चिदंबरम को फिलहाल राहत नहीं, मुख्य न्यायाधीश ने तुरंत सुनवाई से किया इनकार

LiveLaw News Network

20 Aug 2019 12:38 PM GMT

  • चिदंबरम को फिलहाल राहत नहीं, मुख्य न्यायाधीश ने तुरंत सुनवाई से  किया इनकार

    INX मीडिया मामले में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करने के बाद कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। हालांकि मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने मामले की तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया और कहा कि इसे बुधवार को वरिष्ठ जज के सामने मेंशन करें।

    वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और उन्होंने रजिस्ट्रार से CJI को अनुरोध करने को कहा। सिब्बल ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट ने 15 महीनों तक इस केस में चिदंबरम को गिरफ्तारी से सरंक्षण दिया और फिर शाम 3.20 बजे ये आदेश सुना दिया गया। पीठ से अनुरोध किया गया कि वो सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए सरंक्षण दें लेकिन चार बजे उसे भी खारिज कर दिया गया। ये फैसला 25 जनवरी को सुरक्षित रखा गया था और पहले कोर्ट से फैसला सुनाने का अनुरोध किया गया था।

    सिब्बल ने कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट में गिरफ्तारी से सरंक्षण के लिए आए थे, क्योंकि अभी हाईकोर्ट के आदेश की प्रति भी नहीं मिली है। बाद में करीब डेढ़ घंटे बाद रजिस्ट्रार ने उन्हें जानकारी दी कि CJI ने आज ही सुनवाई से इनकार कर दिया है और कहा है कि इस केस को बुधवार को वरिष्ठ जज के सामने मेंशन करें। गौरतलब है कि CJI गोगोई और वरिष्ठता में दूसरे नंबर के जज जस्टिस एस ए बोबडे अयोध्या मामले की सुनवाई कर रही संविधान पीठ में शामिल हैं तो ये मेंशनिंग जस्टिस एन वी रमना के सामने की जा सकती है।

    दरअसल जस्टिस सुनील गौड़ की हाई कोर्ट की पीठ ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए चिदंबरम की याचिका खारिज कर दी जिससे चिदंबरम को बड़ा झटका लगा है। चिदंबरम ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के मामलों में दो अग्रिम जमानत याचिकाएं दाखिल की थीं।

    हालांकि चिदंबरम की ओर से हाई कोर्ट से इस मामले में अपील करने के लिए तीन दिन का सरंक्षण देने का अनुरोध किया गया लेकिन पीठ ने इसे ठुकरा दिया।

    अपने फैसले में पीठ ने कहा कि आर्थिक अपराध को लोहे के हाथों से निपटा जाना चाहिए। याचिकाकर्ता अपने जवाबों में अस्पष्ट रहे हैं और उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया है। जांच एजेंसियों के हाथ इतने बड़े आर्थिक अपराध में बांधे नहीं जा सकते।

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