BJP में शामिल हुईं IPS अधिकारी भारती घोष को गिरफ्तारी से सुप्रीम कोर्ट ने दिया सरंक्षण, WB को कहा कि कोई दंडात्मक कार्रवाई ना हो

Live Law Hindi

19 Feb 2019 3:20 PM GMT

  • BJP में शामिल हुईं IPS अधिकारी भारती घोष को गिरफ्तारी से सुप्रीम कोर्ट ने दिया सरंक्षण, WB को कहा कि कोई दंडात्मक कार्रवाई ना हो

    हाल ही में भाजपा में शामिल हुईं पूर्व IPS अधिकारी भारती घोष को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को यह निर्देश दिया है कि वो भारती घोष के खिलाफ किसी भी आपराधिक मामले में गिरफ्तारी या दंडात्मक कार्रवाई ना करे। इसके साथ ही घोष को अन्य 3 मामलों में भी गिरफ्तारी से सरंक्षण मिल गया है। उनके खिलाफ चल रहे 10 मामलों में से 7 में पहले ही सरंक्षण मिल चुका है।

    मंगलवार को जस्टिस ए. के. सीकरी और जस्टिस एस. अब्दुल नजीर की पीठ ने भारती घोष की याचिका पर ये निर्देश जारी करते हुए इस मामले की सुनवाई 3 हफ्ते के लिए टाल दी। हालांकि इस दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दावा किया कि भ्रष्टाचार के मामले में याचिकाकर्ता के खिलाफ ठोस सबूत मौजूद हैं।

    इससे पहले भाजपा में शामिल हुईं पूर्व आइपीएस अधिकारी भारती घोष ने अपने खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के नए मामलों में सुप्रीम कोर्ट से पश्चिम बंगाल पुलिस की संभावित कार्रवाई से संरक्षण की मांग की और पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। एक समय पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की करीबी माने जाने वाली भारती घोष ने दावा किया है कि पुलिस उनके खिलाफ गलत कार्रवाई कर रही है।

    गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 1 अक्तूबर को भी उन्हें बंद किए गए नोटों को गैरकानूनी रूप से सोने से बदलने और उगाही के मामले में गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया था।

    11 फरवरी को सुनवाई के दौरान भारती घोष की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने पीठ से उन्हें पिछले साल की तरह संरक्षण देने की मांग की। वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने इसका विरोध करते हुए कहा कि भारती ने रिट याचिका पर गिरफ्तारी से रोक की मांग की है जिसे माना नहीं जा सकता।

    दरअसल राज्य की सीआईडी ने उनके खिलाफ कथित भ्रष्टाचार और एसपी पद पर रहते हुए अपने पद का इस्तेमाल करते हुए इलाके के कारोबारियों से जबरदस्ती सोना लेने और रुपये नहीं देने का मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। उनके कोलकाता के मदुरदाहा और पश्चिम मिदनापुर के आवासों पर छापेमारी की गई जहां से कई किलो सोना, 2 करोड़ रुपये नगदी, विदेशी शराब और कई सरकारी गोपनीय दस्तावेज बरामद करने का दावा किया गया।

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