सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस डीके जैन BCCI के पहले ऑम्बड्समैन नियुक्त, SC ने CoA से कहा, सार्वजनिक ना करें मतभेद

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21 Feb 2019 4:11 PM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस डीके जैन BCCI के पहले ऑम्बड्समैन नियुक्त, SC ने CoA से कहा, सार्वजनिक ना करें मतभेद

    सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी. के. जैन को BCCI का पहला ऑम्बड्समैन नियुक्त किया है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 9 अगस्त को BCCI के नए संविधान को अनुमोदित किया था।

    जस्टिस एस. ए. बोबड़े और जस्टिस ए. एम. सपरे की पीठ ने BCCI और राज्य निकायों को चलाने वाली प्रशासकों की समिति के बीच चल रही खटपट को शांत करने के लिए एमिकस क्यूरी और वरिष्ठ वकील पी. एस. नरसिम्हा की सलाह पर मामलों को अपने हाथों में लेने का फैसला किया।

    जस्टिस बोबड़े ने अदालत में पक्षकारों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों से कहा, "क्या किसी को हमारे ऑम्बड्समैन नियुक्त करने से कोई समस्या है? हमारे पास सुप्रीम कोर्ट के 6 सेवानिवृत्त न्यायाधीश हैं।"

    अदालत ने ये हस्तक्षेप राज्य संघों के लिए पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल द्वारा सवाल उठाने के बाद किया जब उन्होंने कहा कि BCCI को CoA द्वारा उन पर थोपा गया ऑम्बड्समैन नहीं चाहिए।

    उन्होंने शुरू में कहा कि ऑम्बड्समैन की नियुक्ति बीसीसीआई चुनाव तक इंतजार कर सकती है। लेकिन जब अदालत ने उन्हें 6 नामों की सूची दी तो सभी ने सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज न्यायमूर्ति जैन पर सर्वसम्मति से सहमति व्यक्त की। न्यायमूर्ति जैन से न्यायालय ने अनुरोध किया कि वो ऑम्बड्समैन के रूप में "जितनी जल्दी हो सके" पद संभाल लें।

    हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल CoA की एक रिपोर्ट के बाद BCCI के नए संविधान के अंतर्गत आंतरिक विवाद के तहत मामलों को हल करने के लिए ऑम्बड्समैन की नियुक्ति का रास्ता खुला जिसके अंतर्गत सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के जज या नियुक्त उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश को 1 साल के लिए नियुक्त किया जा सकता है।

    जस्टिस जैन के लिए अब पहला काम बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को देखना होगा। CoA ने यह भी बताया था कि क्रिकेटर हार्दिक पांड्या और के. एल. राहुल द्वारा करन जौहर के चैट शो में की गयी टिप्पणी पर विवाद को भी ऑम्बड्समैन के समक्ष रखा जा सकता है।

    इस बीच जस्टिस बोबड़े ने नरसिम्हा से कहा कि वे CoA के 2 सदस्यों - पूर्व कंट्रोलर और ऑडिटर जनरल विनोद राय और पूर्व भारतीय महिला क्रिकेट खिलाड़ी डायना एडुल्जी को सलाह दें कि वो अपने मतभेदों को सार्वजनिक न करें।

    जस्टिस बोबड़े ने नरसिम्हा को संबोधित करते हुए कहा, "हमने सुना है कि CoA के सदस्यों के बीच कुछ अनबन चल रही है। प्लीज उनसे सार्वजनिक रूप से न जाने के लिए कहें।"

    अमिक्स क्यूरी ने कहा कि CoA के लिए तीसरे सदस्य को नियुक्त करने की आवश्यकता है जो स्थान 2 सदस्यों - विक्रम लिमये और रामचंद्र गुहा के बाहर निकलने के बाद रिक्त हो गया है। अदालत ने कहा कि "कोई उनके दिमाग में है" और वो अपने चेंबर में पार्टियों के साथ नाम पर चर्चा कर फैसला करेंगे।

    वहीं राज्य संघों ने शिकायत की कि बीसीसीआई के भीतर उनकी स्थिति "अनिश्चित" हो गई है। जब नरसिम्हा ने प्रस्तुत किया कि उच्चतम न्यायालय में बीसीसीआई केस की "यात्रा" तीन-चौथाई पूरी हो चुकी है तो मेहता ने कहा कि "यात्रा गलत दिशा में है।" उन्होंने कहा कि बीसीसीआई का पूरा पैसा "CoA (राय और एडुल्जी) के 2 लोगों द्वारा संचालित किया जाता है।"

    "हम अपने पैसे के लिए भीख माँग रहे हैं," मेहता ने कहा। सिब्बल ने कहा, "पिछले 3 सालों से हमें एक पैसा भी नहीं दिया गया है।"

    एक बिंदु पर CoA के लिए पेश वरिष्ठ वकील पराग त्रिपाठी ने अदालत को सूचित किया कि "सब कुछ किया जा रहा है। हम केवल चुनाव कराने के लिए अदालत की सहमति का इंतजार कर रहे हैं।" न्यायमूर्ति बोबड़े ने संकेत दिया कि अदालत इस पर आदेश देने पर विचार करेगी।

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